Monday, September 23, 2024
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हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी बिक्री के लिए सरकार ने भारत और विदेश में किए कई रोडशो, विनिवेश को लेकर पहल

सरकार ने पहले कहा था कि वह बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) के जरिये हिंदुस्तान जिंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रतिबद्ध है। बाजार का आकलन करने के बाद सभी फैसले लिए जाएंगे।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: September 23, 2024 14:32 IST
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2021 में सरकार को हिंदुस्तान जिंक में अपनी शेष हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचने - India TV Paisa
Photo:HINDUSTAN ZINC WEBSITE सुप्रीम कोर्ट ने साल 2021 में सरकार को हिंदुस्तान जिंक में अपनी शेष हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचने की अनुमति दे दी थी।

सरकार ने वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए बाजार का आकलन करने और निवेशकों से मिलने के लिए पिछले 15 दिन में मुंबई, लंदन, बोस्टन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में कई रोड शो आयोजित किए हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, सरकार हिंदुस्तान जिंक में 29.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी अल्पसंख्यक शेयरधारक है। खान सचिव वी.एल.कांता राव ने यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क्स और भारत में जियोपार्क्स पर एक प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला से इतर कहा कि रोड शो विनिवेश को लेकर किए गए।

इन शहरों में किए रोडशो

खबर के मुताबिक, सरकार हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में अपनी कुछ हिस्सेदारी के विनिवेश के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए बाजार का आकलन करने और निवेशकों से मिलने के लिए पिछले 15 दिन में कई रोड शो किए गए। उन्होंने कहा कि मुंबई, सिंगापुर, हांगकांग, लंदन, बोस्टन, न्यूयॉर्क में रोड शो किए गए। सभी प्रमुख वित्तीय राजधानियों में रोड शो किए गए हैं। सरकार ने पहले कहा था कि वह बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) के जरिये हिंदुस्तान जिंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रतिबद्ध है। बाजार का आकलन करने के बाद सभी फैसले लिए जाएंगे।

कंपनी को विभाजित करने के प्रस्ताव पर चर्चा

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2021 में सरकार को हिंदुस्तान जिंक में अपनी शेष हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचने की अनुमति दे दी थी। इस बीच, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण मिश्रा ने बीते बुधवार को था कहा कि कंपनी ने पहले प्रस्तावित तीन के बजाय दो भागों में कंपनी को विभाजित करने के प्रस्ताव पर सरकार के साथ नए सिरे से चर्चा की है।

मिश्रा ने कहा था कि हिंदुस्तान जिंक के विभाजन के संबंध में सरकार के साथ चर्चा बहुत अच्छी रही। इससे पहले खान मंत्रालय ने कंपनी को पत्र लिखकर बताया था कि कारोबारी परिचालन के किसी भी पुनर्गठन के लिए मंत्रालय की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

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