भारतीय कंपनियों का प्रदर्शन पहली छमाही में उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मंगलवार को कहा कि भारतीय कॉरपोरेट जगत की वित्तीय सेहत चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में थोड़ी नरम हुई है और दूसरी छमाही में इसमें और गिरावट आने की आशंका है। देशभर की करीब 6,500 कंपनियों की रेटिंग करने वाली क्रिसिल रेटिंग्स ने यह अनुमान कंपनियों के कर्ज अनुपात यानी उनकी रेटिंग में सुधार (अपग्रेड) एवं गिरावट (डाउनग्रेड) को ध्यान में रखते हुए लगाया है। हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने साफ किया कि आगे भी कर्ज अनुपात एक से ऊपर ही बना रहेगा। इसका मतलब है कि कंपनियों की रेटिंग में सुधार की संख्या गिरावट से अधिक रहेगी।
443 कंपनियों के रेटिंग अपग्रेड किए गए
एजेंसी के मुताबिक, अप्रैल-सितंबर 2024 में 443 अपग्रेड किए गए जबकि डाउनग्रेड की संख्या 232 रही। इस तरह भारतीय कंपनी जगत का कर्ज अनुपात 1.91 रहा जो इससे पहले की छमाही में 2.19 था। क्रिसिल के प्रबंध निदेशक गुरप्रीत छटवाल ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में कंपनियों की वित्तीय सेहत का नरम होना अपेक्षा के अनुरूप ही है।
महंगाई, कच्चे तेल में उछाल का हो रहा असर
सरकार के ढांचागत परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाने से कॉरपोरेट जगत को सकारात्मक कर्ज अनुपात हासिल करने में मदद मिल रही है। हालांकि, छटवाल ने कहा कि महंगाई की ऊंची दर, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और बारिश के असमान वितरण से भारतीय कॉरपोरेट जगत की वित्तीय सेहत के लिए चुनौती बरकरार है।