दुनिया भर में क्रूड ऑयल एक ऐसी कमोडिटी है जिससे कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है। इसके सस्ता और महंगा होने का सीधा असर आम आदमी के जीवन पर पड़ता है। इसकी वजह से देश की इकोनॉमी भी प्रभावित होती है। यह न सिर्फ जीडीपी की ग्रोथ में मदद करता है, बल्कि कुछ देशों के कमाई का यह जरिया भी है। इसका खपत करने वाले देशों में चीन, अमेरिका, जापान और भारत की हिस्सेदारी ज्यादा है।
क्या होता है क्रूड ऑयल
ग्लोबल इकोनॉमी के पहिए को चलाने में क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की अहम भूमिका है। नेचुरल रूप से पाए जाने वाले अपरिष्कृत तेल को क्रूड ऑयल कहते हैं। दरअसल क्रूड ऑयल काले रंग का गाढ़ा द्रव होता है। यह एक तरह का डार्क हाइड्रोकार्बन पदार्थ है जो कि विश्व में समुद्र और जमीन के अंदर पाया जाता है। एक बैरल ऑयल को बनाने के लिए कम से कम 20 गैलन गैसोलीन का इस्तेमाल किया जाता है। क्रूड ऑयल को बैरल में मापा जाता है और एक बैरल 159 लीटर का होता है।
क्रूड ऑयल के फ्रैक्शन डिस्टिलेशन से केरोसिन, पेट्रोल, डीजल, नेचुरल गैस, वेसलीन और ल्यूब्रिकेंट आदि प्राप्त होता है। क्रूड ऑयल को तेल शोधक कारखाना (ऑयल रिफाइनरी) में रिफाइन करने के बाद ही इन सभी को प्राप्त किया जाता है। जो कि एक समान्य प्रक्रिया है।
कितने तरह का होता है क्रूड ऑयल
क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) दो तरह का होता है। जिसमें एक होता है ब्रेंट क्रूड जो कि लंदन में ट्रेड होता है। दूसरा होता है WTI, जो कि अमेरिका में ट्रेड होता है। भारत जिस कच्चे तेल का आयात किया जाता है, वह ब्रेंट क्रूड है। ब्रेंट कैसे पड़ा नाम ब्रेंट क्रूड ऑयल की पहचान विश्व स्तर पर बेहतर है। इसका नाम एक अमेरिकन पक्षी ब्रेंट ग्रूस पर रखा गया है।
ब्रेंट क्रूड उत्तर समुद्री क्षेत्र से निकाला जाता है। यह एक हल्का मीठा कच्चा तेल है। अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट (एपीआई) के अनुसार इसका घनत्व 38-39 होता है। इसमें सल्फर की मात्रा काफी अधिक होती है जो कि डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल से भी अधिक है। ब्रेंट क्रूड का सबसे पहले उत्पादन ब्रेंट ऑयल फील्ड से किया गया था। दुनिया भर के लगभग दो तिहाई क्रूड ऑयल के ट्रेड में प्राइसिंग के लिए ब्रेंट बेंचमार्क का ही इस्तेमाल किया जाता है।
डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड ऑयल का सबसे अधिक इस्तेमाल अमेरिका में होता है। डब्ल्यूटीआई भी ब्रेंट क्रूड के जैसे एक तरह का बेंचमार्क है। क्रूड ऑयल के प्रमुख उत्पादक देश क्रूड ऑयल के ग्लोबल प्रोडक्शन में ओपेक देशों की हिस्सेदारी सबसे अधिक 40 फीसदी है।