नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को दिल्ली हवाईअड्डे पर दोहरे एलिवेटेड ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे और चौथी हवाई पट्टी का उद्घाटन किया। देश के सबसे बड़े हवाईअड्डे पर नई सुविधाएं शुरू होने से विमानों की आवाजाही में सहूलियत बढ़ जाएगी। करीब 2.1 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे (ईसीटी) शुरू हो जाने से विमान उतरने के बाद और उड़ान भरने के पहले यात्रियों का टरमैक पर बिताया जाने वाला समय कम हो जाएगा। विमानों के खड़े होने वाली जगह से हवाई पट्टी तक जाने वाला रास्ता टरमैक कहा जाता है। ईसीटी शुरू होने से आईजीआईए देश का इकलौता हवाईअड्डा हो गया है जहां एक एलिवेटेड टैक्सीवे होगा और उसके नीचे से सड़कें गुजरेंगी।
हर दिन 1,500 से अधिक विमानों की आवाजाही
ईसीटी दिल्ली हवाईअड्डे के पूर्वी हिस्से में उत्तरी और दक्षिणी हइंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआईए) पर हर दिन 1,500 से अधिक विमानों की आवाजाही होती है। वाई क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगा। इससे विमान के उड़ान भरने से पहले और उतरने के बाद टरमैक पर सात किलोमीटर तक कम चलना होगा। यह ए-380, बी-777 और बी-747 जैसे चौड़े आकार वाले विमानों को भी संभाल सकता है। इसी के साथ दिल्ली हवाईअड्डे पर चौथी हवाई पट्टी भी शुरू हो गई है।
अभी तक तीन हवाई पट्टियों से परिचालन
इसके पहले तीन हवाई पट्टियों के सहारे विमानों का परिचालन होता था। आईजीआईए का परिचालन दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) के पास है जो जीएमआर एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की अगुवाई वाला गठजोड़ है। टैक्सी-वे शुरू हो जाने से अब विमानों को हवा में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इससे यात्रियों के काफी समय की बचत होगी।
विमानन क्षेत्र में वृद्धि के दौर की शुरुआत
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि देश के नागर विमानन क्षेत्र में इस समय वृद्धि का दौर शुरू है और यह एक आर्थिक शक्ति के रूप में देश के उदय में योगदान दे रहा है। सिंधिया ने यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर चौथी हवाई पट्टी और ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे (ईसीटी) के उद्घाटन के मौके पर कहा कि मौजूदा समय देश में नागर विमानन क्षेत्र के वृद्धि के दौर की शुरुआत का है। उन्होंने कहा, "भारत ने ऊंचे मुकाम पर पहुंचने का लक्ष्य रखा है। इसमें नागर विमानन क्षेत्र भी भारत की आर्थिक शक्ति के उत्थान में अपना योगदान दे रहा है।" नागर विमानन मंत्री ने पिछले कुछ महीनों में देश की कुछ एयरलाइंस की तरफ से विमान विनिर्माता कंपनियों एयरबस और बोइंग को दिए गए बड़े ऑर्डर का जिक्र करते हुए कहा कि घरेलू विमानन कंपनियों के पास उपलब्ध विमानों की संख्या 1,500 तक पहुंच जाएगी जबकि फिलहाल इनकी संख्या 720 है।