देश में सैंकड़ों रोड, पुल, टनल समेत बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन प्रोजेक्ट्स का बजट करोड़ों रुपये में है। लेकिन इन प्रोजेक्ट का काम समय पर पूरा नहीं होने से सरकारी खजाने पर बोझ तेजी से बढ़ रहा है। आपको बता दें कि सरकार ने बताया कि 150 करोड़ रुपये या उससे अधिक के निवेश वाली 448 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (infrastructure projects) की लागत में अक्टूबर-दिसंबर 2023 के दौरान 5.55 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
150 करोड़ या अधिक के प्रोजेक्ट को शामिल किया गया
केंद्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं (150 करोड़ रुपये और उससे अधिक लागत वाली) के संबंध में 2023-24 की तीसरी तिमाही के लिए तिमाही परियोजना कार्यान्वयन स्थिति रिपोर्ट (क्यूपीआईएसआर) में 1,897 परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई है। क्यूपीआईएसआर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा तैयार किया जाता है। एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 1,897 परियोजनाओं में 448 परियोजनाओं की लागत में 5,55,352.41 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जो उनकी स्वीकृत लागत का 65.2 प्रतिशत है।
इस कारण लागत बढ़ी
जानकारों का कहना है कि इंफ्रा प्रोजेक्ट्स की लगात बढ़ने की सबसे बड़ी वजह उस प्रोजेक्ट का काम अटकना और समय पर पूरा नहीं होना है। इसलिए लागत बढ़ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक नवीनतम स्वीकृत लागत के मुकाबले 292 परियोजनाओं की लागत 2,89,699.46 करोड़ रुपये बढ़ी है। इसके अलावा, 276 परियोजनाओं के संबंध में समय और लागत दोनों बढ़े हैं। कुल 1,897 परियोजनाओं में 56 परियोजनाएं समय से आगे चल रही हैं, 632 परियोजनाएं समय पर हैं और 902 परियोजनाओं में देरी हो रही है। शेष परियोजनाएं या तो पूरा हो चुकी हैं या उनके संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं है।