वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपने बजट का जोरदार बचाव किया। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट ने मध्यम वर्ग के टैक्स बोझ को कम किया है और संपत्ति लेनदेन पर पूंजीगत लाभ कर प्रावधान में ढील देना सरकार द्वारा आम आदमी की उम्मीदों को स्वीकार करने का प्रतिबिंब है। भाषा की खबर के मुताबिक, लोकसभा में वित्त विधेयक (सं. 2), 2024 पर बहस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम हो गया है। बजट दरों में बढ़ोतरी किए बिना टैक्स व्यवस्था को सरल बनाता है।
संसद जीएसटी दरों को तय करने का प्लेटफॉर्म नहीं
खबर के मुताबिक, विपक्षी दलों द्वारा अपने सहयोगी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी की मांग का इस्तेमाल सरकार पर हमला करने के लिए करने पर, सीतारमण ने कहा कि 2017 में एक समान जीएसटी के अस्तित्व में आने से पहले राज्य प्रीमियम पर टैक्स लगाते थे। उन्होंने कहा कि संसद जीएसटी दरों को तय करने का प्लेटफॉर्म नहीं है और इसे एक परिषद में जाना होगा, जिसमें राज्यों का दो-तिहाई प्रतिनिधित्व हो। उत्तर के बाद निचले सदन ने 45 संशोधनों सहित विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। मुख्य संशोधन अचल संपत्ति लेनदेन पर पूंजीगत लाभ कर लगाने से संबंधित था।
इंडेक्सेशन लाभ बहाल हुआ
आरएसपी सदस्य एन के प्रेमचंद्रन द्वारा चिकित्सा और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी वापस लेने की मांग करने वाले संशोधन को नहीं लिए जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया। एलटीसीजी टैक्स से संबंधित वित्त विधेयक में संशोधन ने 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों की बिक्री पर इंडेक्सेशन लाभ को बहाल कर दिया। अब, 23 जुलाई, 2024 से पहले घर खरीदने वाले व्यक्ति या एचयूएफ नई योजना के तहत इंडेक्सेशन के बिना 12.5 प्रतिशत की दर से एलटीसीजी टैक्स का भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं या इंडेक्सेशन लाभ का दावा कर 20 प्रतिशत कर का भुगतान कर सकते हैं।
नई संपत्ति खरीद के मामले में रोलओवर का लाभ बरकरार
सीतारमण ने 2024-25 के अपने बजट में रियल एस्टेट पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर को इंडेक्सेशन लाभ के बिना 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया था। इस पर खास तौर पर मध्यम वर्ग की ओर से आलोचना की गई थी, जिन्हें लगा कि एलटीसीजी टैक्स देयता में वृद्धि की गई है। हालांकि, अपने जवाब में मंत्री ने कहा कि काल्पनिक गणनाओं में भी कर भार में कोई वृद्धि नहीं हुई है और नई संपत्ति खरीद के मामले में रोलओवर का लाभ बरकरार रखा गया है। एलटीसीजी टैक्स रेट में बदलाव राजस्व पैदा करने वाली कवायद या लालच नहीं था, बल्कि समान परिसंपत्ति वर्गों के बीच समानता लाने का प्रयास था। यह बदलाव संपत्ति धारक को एक उचित विकल्प और चुनाव देता है। उन्होंने कहा कि चिंताओं को दूर करने के लिए, 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए अब इंडेक्सेशन लाभ का विकल्प वापस लाया गया है।