रियल एस्टेट सेक्टर में जारी तेजी की रफ्तार धीमी हो सकती है। दरअसल, निवेशकों और खरीदारों के सेटीमेंट इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई है। रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक और रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) ने 2024 की दूसरी (अप्रैल-जून) तिमाही पर सेंटीमेंट इंडेक्स जारी किया है। ‘नाइट फ्रैंक-नारेडको रियल एस्टेट सेंटिमेंट इंडेक्स क्यू2 2024’ के अनुसार, वर्तमान धारणा 2024 की पहली तिमाही में अपने रिकॉर्ड हाई 72 अंक से घटकर 65 अंक रह गया। भविष्य की धारणा भी कमजोर होकर 73 अंक से 65 अंक पर आ गई। प्रॉपर्टी बाजार सेंटीमेंट पर चलता है। ऐसे में सेंटीमेंट कमजोर होने से रियल्टी बाजार में प्रॉपर्टी की मांग में कमी आ सकती है। नाइट फ्रैंक-नारेडको द्वारा किए गए सर्वे में अधिकांश लोगों का मानना है कि अगले 6 महीने में नये मकानों की लॉन्चिंग व इनके दाम बढ़ सकते हैं।
अभी भी मार्केट की स्थिति मजबूत
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि वर्तमान तथा भविष्य की धारणा का 65 (अंक) होना अब भी सकारात्मक है। इस हालिया गिरावट से चिंता नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह केवल रियल एस्टेट क्षेत्र में सतर्क आशावाद की ओर बदलाव का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था सकारात्मक बनी हुई है और प्रमुख संकेतकों में स्थिरता देखी जा रही है। वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के प्रति भी यह जुझारू बनी हुई है। सेंटीमेंट इंडेक्स स्कोर के 50 अंक तटस्थ दृष्टिकोण या यथास्थिति को दर्शाता है। 50 से अधिक अंक सकारात्मक भावना को और 50 से कम अंक नकारात्मक भावना को दर्शाते हैं।
दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, "2024 की दूसरी तिमाही भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र की एक लचीली और आशावादी भारतीय तस्वीर पेश करती है। हालांकि इस भावना में थोड़ा समायोजन हुआ है, लेकिन कुल मिलाकर दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है। यह बदलाव हाल की राजनीतिक और बजट संबंधी अनिश्चितताओं के मद्देनजर अधिक सतर्क दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती है। इन समायोजनों के बावजूद, इस क्षेत्र के भविष्य को लेकर मजबूत विश्वास बना हुआ है। आवासीय और कार्यालय बाजार में उल्लेखनीय गतिविधि जारी है, जो निरंतर विकास और अवसर का संकेत देती है। डेवलपर्स बैंक और वित्तीय संस्थानों सहित अन्य प्रमुख हितधारक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए हुए हैं। इससे पता चलता है कि भले ही अल्पकालिक चुनौतियां हों, लेकिन यह क्षेत्र अनुकूलन और फलने-फूलने के लिए अच्छी स्थिति में है। बाजार में निरंतर आशावाद और गतिविधि इस क्षेत्र की बदलती परिस्थितियों के बीच भी अपनी गति बनाए रखने और आगे बढ़ने की क्षमता को उजागर करती है।"