भारतीय शेयर बाजार (Share Market) के लिए पिछला कारोबारी हफ्ता नुकसान वाला रहा। अमेरिका में मंदी की आहट के चलते शेयर बाजार में बड़ी बिकवाली देखी गई। इसके साथ ही लगातार आठ हफ्तों से चली आ रही तेजी थम गई। शुक्रवार के सत्र में निफ्टी 293 अंक गिरकर 24,717 और सेंसेक्स (Sensex) 855 अंक गिरकर 80,981 पर बंद हुआ। यह मई के आखिरी हफ्ते के बाद पहला मौका है, जब बाजार में साप्ताहिक आधार पर गिरावट देखने को मिली है। अमेरिका में मंदी की आहट ने निवेशकों के मन में डर पैदा कर दिया है। ऐसे में क्या बाजार में आगे भी गिरावट देखने को मिल सकती है या बाजार संभलकर एक बार फिर नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच सकता है। आइए जानते हैं।
क्यों बाजार में आई गिरावट?
बाजार के जानकारों का कहना है कि घरेलू बाजार में व्यापक स्तर पर इस हफ्ते बिकवाली देखने को मिली है, क्योंकि बाजार के पास आगे बढ़ने के लिए कोई नई चीज नहीं है। जून तिमाही के नतीजे भी मिले जुले आ रहे हैं, जिसने बाजार में गिरावट को बढ़ाया है। साप्ताहिक आधार पर निफ्टी रियल्टी (3.76 प्रतिशत), निफ्टी आईटी (3.04 प्रतिशत), निफ्टी ऑटो (2.04 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (1.57 प्रतिशत) और निफ्टी (1.16 प्रतिशत) की गिरावट के साथ सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे। दूसरी तरफ निफ्टी एनर्जी (2.53 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (1.39 प्रतिशत) और निफ्टी मीडिया (1.19 प्रतिशत) के सकारात्मक रिटर्न के साथ सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे।
क्या आगे भी जारी रहेगी गिरावट?
बाजार में गिरावट पर चॉइस ब्रोकिंग का कहना है कि निफ्टी शुक्रवार को गैप डाउन होने के बाद 293 अंक गिरकर बंद हुआ। यह निफ्टी में ब्रेकआउट फेल होने का संकेत दे रहा है क्योंकि गिरावट में खरीदारी देखने को नहीं मिली है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अमेरिका में मंदी और इजरायल-हमास के बीच ताजा जंग के हालात से भू-राजनीतिक तनाव बढ़ा है। इसका असर दुनियाभर के बाजारा पर दिखाई दिया है। ऐस में आशंका है कि बाजार में आगे और गिरावट देखने को मिले।
ऑटो स्टॉक्स की जबरदस्त पिटाई
साप्ताहिक आधार पर निफ्टी में आयशर मोटर्स (5.7 प्रतिशत), आईटीआई माइंडट्री (4.8 प्रतिशत), ग्रासिम इंडस्ट्रीज (4.8 प्रतिशत), महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.8 प्रतिशत), विप्रो (4.3 प्रतिशत) और हीरो मोटोकॉर्प (3.7 प्रतिशत) की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स थे। वहीं, एनटीपीसी (5.9 प्रतिशत), बीपीसीएल (5.6 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (5.3 प्रतिशत), डिविस लेबोरेटरीज (4.2 प्रतिशत), पावर ग्रिड कॉरपोरेशन (4.1 प्रतिशत) की बढ़त के साथ टॉप गेनर्स थे।
इनपुट: आईएएनएस