Tax loss Harvesting: पहले कोरोना और अब अडानी ग्रुप के शेयर्स में गिरावट के बाद निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। अडानी ग्रुप की 10 कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैप बहुत नीचे आ गया है। नतीजन इन कंपनियों में निवेश करने वालों को बड़ा नुकसान हुआ है। अगर शेयर मार्केट की इस उठापटक में आपको आपको भी फाइनेंशियल लॉस हुआ है तो टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग के जरिए आप इसकी कुछ हद तक भरपाई कर सकते हैं। आइए आज आपको बताते हैं कि आखिर टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग क्या है और इसके क्या फायदे होते हैं।
कोई निवेशक जब सीधे शेयर मार्केट या फिर म्यूचुअल फंड में निवेश करता है तो उसे कैपिटल गेन या कैपिटल लॉस होता है। निवेशक को कैपिटल गेन पर टैक्स देना पड़ता है। यह टैक्स आपके निवेश के होल्डिंग पीरियड के आधार पर तय होता है। यदि किसी निवेशक को शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में निवेश किए हुए पैसों पर नुकसान होता है तो वे टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग के जरिए टैक्स की देनदारी को कम कर सकता है। आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अपना नुकसान दिखकर लायबिलिटी से बच सकते हैं।
क्या है टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए कैपिटल गेन पर टैक्स से बचने का एक सुरक्षित रास्ता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी निवेशक को एक वित्तीय वर्ष में शेयर बाजार में निवेश करने पर मुनाफा हुआ है और वो उस पैसे को निकाल लेता है तो वित्तीय वर्ष के अंत में उसे लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टैक्स देना पड़ेगा। वहीं अगर उस निवेशक को कुछ शेयर्स में नुकसान हुआ है और वो उन शेयर्स को बेच देता है तो वो अपने फायदे और नुकसान को एडजस्ट करके टैक्स में छूट प्राप्त कर सकता है।
टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग का पूरा गणित
टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग पर मिलने वाली छूट को आप एक आसान उदाहरण से समझ सकते हैं। यदि किसी निवेशक ने एक वित्तीय वर्ष में एक लाख रुपए का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन किया है तो उसे 15 प्रतिशत के हिसाब से 15,000 रुपये टैक्स देना पड़ेगा। वहीं, अगर वो निवेशक 50 हजार रुपये के शेयर नुकसान के बाद 25 हजार रुपये में बेच देता है तो आईटीआर भरते समय वो टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग के जरिए 25 हजार रुपये का नुकसान दिखकर टैक्स में छूट प्राप्त कर सकता है।