Tax Collection: सरकार की कमाई में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। जब केंद्र सरकार ने जीएसटी को पूरे देश में लागू किया था तब उसकी काफी आलोचना की गई थी और कहा गया था कि सरकार को आने वाले समय में नुकसान उठाने को मिलेगा और उसका असर देश की तिजोरी पर पड़ेगा। समय के साथ टैक्स कलेक्शन में धीरे-धीरे वृद्धि देखी गई। देश के नागरिक अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए टैक्स चुका रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने 17 जून तक के टैक्स कलेक्शन का एक आंकड़ा पेश किया है, जिसमें 17 जून तक देश का शुद्ध प्रत्यक्ष टैक्स कलेक्शन 11.18 प्रतिशत वृद्धि के साथ 3.80 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अग्रिम टैक्स संग्रह के कारण यह वृद्धि हुई। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में अग्रिम टैक्स संग्रह 17 जून तक 1,16,776 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल की समान अवधि से 13.70 प्रतिशत अधिक है।
मंत्रालय ने जारी किया बयान
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शुद्ध प्रत्यक्ष टैक्स संग्रह 17 जून तक 3,79,760 करोड़ रहा, जिसमें कॉरपोरेट टैक्स (सीआईटी) के 1,56,949 करोड़ रुपये शामिल हैं। प्रतिभूति लेनदेन टैक्स (एसटीटी) सहित व्यक्तिगत इनकम टैक्स के रूप में 2,22,196 करोड़ रुपये जमा हुए। सकल आधार पर, रिफंड को समायोजित करने से पहले संग्रह 4.19 लाख करोड़ रुपये था। यह राशि सालाना आधार पर 12.73 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। इसमें कॉरपोरेट टैक्स के 1.87 लाख करोड़ रुपये और प्रतिभूति लेनदेन टैक्स सहित व्यक्तिगत इनकम टैक्स के 2.31 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं। रिफंड राशि 17 जून तक 39,578 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा है।
जीएसटी कलेक्शन में भी आया है उछाल
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मई में 1.57 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले आंकड़ों के मुकाबले 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि अप्रैल के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन में करीब 30 हजार करोड़ की गिरावट दर्ज की गई है। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों में बताया कि मई में केंद्रीय जीएसटी 28,411 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 35,828 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी 81,363 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए 41,772 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,489 करोड़ रुपये (माल आयात पर जुटाए गए 1,057 करोड़ रुपये सहित) रहा है।