Highlights
- TPDDL मीटर रीडिंग के लिये ‘ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन’ (OCR) का उपयोग करेगी
- ग्राहकों को सही बिजली बिल मिलेगा वहीं कंपनी का गैर-तकनीकी घाटा कम होगा
- ‘स्कैनिंग’ समाधान को ‘मीटर रीडिंग’ के लिये कर्मचारियों के मोबाइल उपकरणों जोड़ा गया
बिजली मीटरों की गड़बड़ी से जुड़ी खबरें हर दिन अखबार के पन्नों पर छपती हैं। अक्सर आप और हम भी मीटर की गलत रीडिंग के चलते नुकसान झेलते हैं। लेकिन अब आने वाले वक्त में आपको मीटर की गलत रीडिंग से निजात मिल सकती है। बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि.(TPDDL) ने दिल्ली के अपने ग्राहकों को एकदम सटीक बिजली बिल उपलब्ध कराने के लिये कदम उठाया है। इसके तहत कंपनी मीटर रीडिंग के लिये ‘ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन’ (OCR) का उपयोग करेगी।
कंपनी ने बुधवार को बयान में कहा कि इससे एक तरफ जहां ग्राहकों को सही बिजली बिल मिलेगा वहीं कंपनी का गैर-तकनीकी घाटा कम होगा। उसने अपने कार्य क्षेत्र उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली में ग्राहकों के लिये कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित ‘ओसीआर’ प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिये एनीलाइन के साथ भागीदारी की है। टाटा पावर डीडीएल के अनुसार इस भागीदारी के तहत तकनीक की पूरी जांच-परख के बाद उसे उत्तरी दिल्ली में संबंधित कर्मचारियों को उपलब्ध कराया गया है।
इस नये ‘स्कैनिंग’ समाधान को ‘मीटर रीडिंग’ के लिये कर्मचारियों के मोबाइल उपकरणों जोड़ा गया है। इससे ये कर्मचारी जब अपने मोबाइल कैमरों से बिजली मीटर को स्कैन करेंगे तो तत्काल मीटर रीडिंग का ब्योरा प्राप्त कर सकते हैं। इस मीटर रीडिंग ब्योरे का टाटा पावर-डीडीएल सत्यापन करेगी ताकि इस बात की पुष्टि की जा सके कि आंकड़ा और कैमरों में ली गयी मीटर की तस्वीर वास्तविक होने के साथ-साथ सटीक भी हैं।
कंपनी ने कहा कि यह कदम ‘मीटर रीडिंग’ की प्रक्रिया में होने वाली मानवीय गड़बड़ियों को दूर कर बिजली बिल को सटीक बनाएगा और इसे वितरण कंपनी के गैर-तकनीकी घाटे भी कम होंगे।
टाटा पावर डीडीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गणेश श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘हम नवीनतम प्रौद्योगिकी अपनाकर उपभोक्ताओं के बेहतर सेवाएं देने को प्रतिबद्ध हैं इस नये समाधान से हम अपने उपभोक्ताओं के लिये बेहतर पेशकश करने के साथ-साथ इस्तेमाल की जाने वाली बिजली के बदले सटीक बिल सुनिश्चित कर सकते हैं।’’