दिल्लीवालों को इस साल गर्मियों में पूरी बिजली मिलेगी। राजधानी में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों-टाटा पावर डीडीएल और बीएसईएस ने सोमवार को कहा कि गर्मियों में मैक्सिमम डिमांड से निपटने के लिए तैयार है। दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग इस साल गर्मियों में 8,000 मेगावाट के पार हो जाने की संभावना है। भाषा की खबर के मुताबिक, दिल्ली के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, शहर में बिजली की अधिकतम मांग 2024 में 8,000 मेगावाट को पार करते हुए पहली बार 8,200 मेगावाट तक जा सकती है।
2022 में 7,695 मेगावाट थी डिमांड
दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग साल 2022 में 7,695 मेगावाट रही थी। पिछले साल यानी 2023 में दिल्ली में मैक्सिमम डिमांड 7,438 मेगावाट थी। उल्लेखनीय है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश में अप्रैल-जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी पड़ने का अनुमान जताया है। बिजली की मांग के बारे में बीएसईएस प्रवक्ता ने कहा कि बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी पावर लि.) का दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिल्ली में 2024 में बिजली की मांग करीब 3,679 मेगावाट रहने का अनुमान है।
किस इलाके में कितनी रह सकती है मांग
वहीं बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना पावर लि.) के क्षेत्र पूर्वी और मध्य दिल्ली में इसके 1,857 मेगावाट रहने की संभावना है। जबकि 2023 में यह मांग क्रमश 3,250 मेगावाट और 1,670 मेगावाट थी। उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर डीडीएल) ने बयान में कहा कि उसके क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग इस साल गर्मियों में 2,351 मेगावाट पहुंचने का अनुमान है जो पिछले साल गर्मियों में (अगस्त 2023 में) 2,218 मेगावाट थी।
कंपनियों ने किया है निवेश
टाटा पावर डीडीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गणेश श्रीनिवासन ने कहा कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, हमने उसे देखते हुए अपने क्षेत्र में इस मौसम में अधिकतम मांग 2,351 मेगावाट के स्तर तक पहुंचने का अनुमान लगाया है और हम इस मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपने नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने और टेक्नोलॉजी को एडवांस बनाने पर भी निवेश किया है ताकि बिना किसी बाधा के ऑपरेशन जारी रहे। हमने अपने पूरे वितरण नेटवर्क में सुरक्षा उपायों और रखरखाव गतिविधियों पर जोर दिया है। साथ ही, सब-स्टेशनों पर ‘लोड’ को संतुलित किया है।