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इलेक्ट्रिक बैटरी की दुनिया में अब दिखेगी टाटा की पावर, भारत में नहीं बल्कि इस देश में लगाएगा गीगाफैक्टरी

टाटा समूह ने इस निवेश की घोषणा करते हुए कहा कि इस गीगाफैक्टरी से जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) के साथ-साथ अन्य वाहन कंपनियों के लिए बैटरी तैयार की जाएंगी।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: July 19, 2023 17:00 IST
इलेक्ट्रिक बैटरी की दुनिया में अब दिखेगी टाटा की पावर, भारत में नहीं बल्कि इस देश में लगाएगा गीगाफैक- India TV Paisa
Photo:FILE इलेक्ट्रिक बैटरी की दुनिया में अब दिखेगी टाटा की पावर

इलेक्ट्रिक बैटरी के क्षेत्र में टाटा समूह (Tata Group) दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभरने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए कंपनी ने 4 अरब डॉलर के भारी भरकम निवेश की घोषणा की है। टाटा समूह इस निवेश के साथ एक मेगा फैक्ट्री स्थापित करने जा रहा है। लेकिन बता दें कि यह फैक्ट्री भारत में नहीं बल्कि यूरोप में स्थापित की जा रही है। टाटा समूह ने घोषणा की है कि उसने इस गीगाफैक्टरी के लिए इंग्लैंड में समरसेट के ब्रिजवॉटर क्षेत्र को चुना है। इससे पहले इस फैक्ट्री को स्पेन में स्थापित करने की योजना थी 

यूरोप में सबसे बड़ी होगी गीगाफैक्टरी

टाटा समूह ने इस निवेश की घोषणा करते हुए कहा कि इस गीगाफैक्टरी से जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) के साथ-साथ अन्य वाहन कंपनियों के लिए बैटरी तैयार की जाएंगी। इसे बनाने में चार अरब पाउंड (42,500 करोड़ रुपये) का खर्च आएगा। बता दें कि ब्रिटेन की लक्जरी कार विनिर्माता जगुआर लैंड रोवर का स्वामित्व ‘टाटा मोटर्स’ के पास है। बयान के अनुसार, 40 गीगावॉट घंटे की यह गीगाफैक्टरी यूरोप में सबसे बड़ी और भारत के बाहर टाटा का पहला कारखाना होगा। 

ब्रिटेन से मांगी सरकारी सहायता 

ऐसी अटकले हैं कि टाटा ने इसके लिए ब्रिटेन से 50 करोड़ पाउंड की सरकारी सहायता मांगी है, जिसमें समरसेट कारखाने के उच्च-ऊर्जा उपयोग के लिए सब्सिडी, वाहन बदलाव कोष से एकमुश्त अनुदान और साइट पर सड़क सुधार शामिल है। ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि टाटा संस को सरकारी सहायता का विवरण नियमित पारदर्शिता आंकड़ों के हिस्से के रूप में उचित समय पर जारी किया जाएगा। 

ब्रिटेन में होगा सबसे बड़ा निवेश 

ब्रिटेन में वर्तमान में निसान के संडरलैंड के कारखाने के पास में केवल एक संयंत्र परिचालन में है और नॉर्थम्बरलैंड में दूसरे संयंत्र पर सफलता न मिलने के बाद फिर से काम किया जा रहा है। इसके विपरीत यूरोपीय संघ में 35 संयंत्र चालू, निर्माणाधीन या योजना के चरण में हैं। टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘ टाटा समूह हमारे सभी व्यवसायों के स्थायी भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है। आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि समूह ब्रिटेन में यूरोप की सबसे बड़ी बैटरी सेल विनिर्माण सुविधाओं में से एक को स्थापित करेगा।’’ 

ब्रिटेन में मिलेंगी हजारों नौकरियां

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस घोषणा पर कहा, ‘‘ टाटा समूह का भारत के बाहर अपने पहले और यूरोप के सबसे बड़े संयंत्र की स्थापना का फैसला ब्रिटेन के प्रति भरोसे को दर्शाता है। यह ब्रिटेन के वाहन उद्योग में सबसे बड़े निवेश में से एक होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इससे न केवल देशभर में ब्रिटेन के लोगों के लिए हजारों नौकरियों का सृजन होगा, बल्कि इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के वैश्विक बदलाव में हमारी बढ़त मजबूत होगी जिससे भविष्य के स्वच्छ उद्योगों में हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ने में मदद मिलेगी।’’ ब्रिटेन सरकार ने एक अलग बयान में कहा कि इस निवेश से प्रत्यक्ष रूप से 4,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से भी हजारों नौकरियां मिलेंगी। 

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