टाटा ग्रुप जल्द ही भारत में आईफोन तैयार करने वाला पहला निर्माता बनने जा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ताइवान के विस्ट्रॉन कॉर्प के साथ महीनों से बातचीत कर रही है और इस बात की संभावना है कि इस साल के मार्च महीने तक यह डील पूरी हो सकती है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के मुताबिक, बातचीत दोनों के बीच गठजोड़ को लेकर शुरु हुई थी, लेकिन अब टाटा ग्रुप उस कंपनी के दक्षिण एशिया के बिजनेस को अक्वायर करने पर विचार कर रही है। इसका मतलब है कि टाटा विस्ट्रॉन के सहयोग से मुख्य निर्माण कार्य की निगरानी करेगी।
चर्चाओं के अनुसार, टाटा समूह के विस्ट्रॉन के सपोर्ट से मुख्य विनिर्माण संचालन की देखरेख करने की संभावना है। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि इस तरह के सौदे की संभावना के संबंध में न तो टाटा ग्रुप और न ही विस्ट्रॉन कॉर्प ने कोई सार्वजनिक बयान दिया है।
कौन-कौन कंपनियां करती हैं iPhones का निर्माण
Apple आमतौर पर अपने iPhones के निर्माण और असेंबली के लिए Wistron और Foxconn Technology Group जैसे ताइवानी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर निर्भर रहता है। यदि टाटा समूह सफलतापूर्वक सौदा पूरा कर लेता है, तो यह स्थानीय दावेदारों को बनाने के भारत के प्रयासों को काफी बढ़ावा देगा जो इलेक्ट्रॉनिक्स में चीन के प्रभुत्व को चुनौती दे सकता है।
सरकार के तरफ से मिल सकती है सब्सिडी
एक मीडिया रिपोर्ट ने संकेत दिया है कि टाटा ग्रुप का लक्ष्य 31 मार्च 2023 कागजी प्रक्रिया को पूरा करना है। अगर यह अधिग्रहण मार्च तक तक हो जाता है, तो 1 अप्रैल 2023 से टाटा ग्रुप सरकारी प्रोत्साहन के लिए भी योग्य हो जाएगा। बता दें, सरकार के तरफ से पीएलआई(प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव) के तहत उन कंपनियों को सब्सिडी दी जाती है जो तय टार्गेट से अधिक मात्रा में प्रोडक्शन करती है। इसके लिए सरकार के द्वारा बनाए गए नियम को फॉलो करना जरूरी होता है।
कहां स्थित है वह कंपनी?
2.2 मिलियन वर्ग फुट का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बेंगलुरु से 50 किलोमीटर पूर्व में स्थित है और टाटा समूह सभी आठ आईफोन लाइनों के साथ-साथ इंजीनियरों प्लांट के 10,000 कर्मचारियों को भी उसके साथ अपने ग्रुप में शामिल कर लेगा।