टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का कल, 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक का माहौल है। अमीर से लेकर गरीब तक, भारत के हर घर में टाटा का प्रोडक्ट पहुंचाने वाले रतन टाटा ने कभी अमीर बनने के लिए बिजनेस नहीं किया। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के लिए अथाह पैसा कमाया, लेकिन उन्होंने पैसे से ज्यादा इज्जत कमाई थी।
टाटा ग्रुप का कुल मार्केट कैप 365 अरब डॉलर
झारखंड और महाराष्ट्र सरकार ने रतन टाटा के सम्मान में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया था। आज रतन टाटा को मुंबई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। साल 2022 के डाटा के मुताबिक रतन टाटा की कुल नेटवर्थ 3800 करोड़ रुपये थी। लेकिन 31 मार्च, 2024 को टाटा ग्रुप का कुल मार्केट कैप 365 अरब डॉलर था। इतने बड़े कारोबारी साम्राज्य के बावजूद रतन टाटा की गिनती कभी दुनिया के सबसे धनी लोगों की लिस्ट में नहीं हुई।
2021 तक 102.4 बिलियन डॉलर का दान
टाटा ग्रुप की विरासत को नए मुकाम पर पहुंचाते हुए रतन टाटा ने कभी धनी बनने के लिए नहीं बल्कि भारत को एक बेहतर देश बनाने के लिए बिजनेस किया। आपको जानकर हैरानी होगी की रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप साल 2021 तक ही 102.4 अरब डॉलर यानी करीब 85,99,09,12,00,000 रुपये दान कर चुका था। 2021 के EdelGive Hurun Philanthropists Of The Century रिपोर्ट में इसका जिक्र है। ये इतनी बड़ी रकम है कि आज भी दुनिया के कई दिग्गज अरबपतियों की नेट वर्थ इतनी नहीं होगी।
दुनियाभर के 2766 अरबपतियों की नेट वर्थ से ज्यादा
ब्लूमबर्ग के मुताबिक आज यानी 10 अक्टूबर को पूरी दुनिया में सिर्फ 15 लोगों की कुल संपत्ति ही 102 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। जबकि अगस्त, 2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में कुल अरबपतियों की संख्या 2781 थी। यानी टाटा ग्रुप ने 2021 तक जितना पैसा दान कर दिया था, 2766 अरबपति आज भी उतनी नेट वर्थ नहीं बना पाए हैं।