भारत में सेमीकंडक्टर की मैनुफैक्चरकिंग पर लगातार कोशिशें जारी हैं। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि दो बड़े सेमीकंडक्टर प्रपोजल पर बात चल रही है और आने वाले कुछ महीनों में इनके आकार लेने की उम्मीद है। आईएएनएस की खबर के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने प्रपोजल के बारे में डिटेल में तो कुछ नहीं बताया लेकिन कहा कि परियोजनाएं स्पेसिफिक सेक्टर की हैं, जिनमें भारत इंटरनेशनल लेवल पर लीडर के तौर पर उभर सकता है।
फैसलों को अमल में लाने की क्षमता पर ध्यान
खबर के मुताबिक, माइक्रोन सेमीकंडक्टर प्लांट की आधारशिला कार्यक्रम में वैष्णव ने कहा कि इंटरनेशनल सेमीकंडक्टर कंपनी इस क्षेत्र में भारत द्वारा की गई प्रगति और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की बड़े और जटिल नीतिगत फैसलों को अमल में लाने की क्षमता पर ध्यान दे रही है। वैष्णव ने कहा कि इसने भारत को एक प्रमुख विश्वसनीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया है, जिसमें वैश्विक कंपनियां आना चाहती हैं। हम आने वाले कुछ महीनों में कम से कम दो और बड़े सेमीकंडक्टर प्रस्तावों को आकार लेते देख सकते हैं।
माइक्रोन प्लांट से पहली चिप दिसंबर में
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ ऐसे विशेष क्षेत्र हैं जहां भारत नेतृत्व कर सकता है। सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स का फोकस उन क्षेत्रों पर होगा जो देश को दुनिया के दूसरे हिस्सों में टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट करने में मदद कर सकते हैं। मंत्री ने कहा कि माइक्रोन प्लांट (micron plant in india) दिसंबर 2024 से पहली चिप का उत्पादन शुरू कर देगा। इस संयंत्र का निर्माण शुरू हो गया है।
मेमोरी चिप निर्माता माइक्रोन ने जून में गुजरात में सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग प्लांट स्थापित करने की घोषणा की थी। इसमें कुल 2.75 अरब डॉलर (लगभग 22,540 करोड़ रुपये) का निवेश होगा। माइक्रोन दो फेज में प्लांट सेट अप करने में 82.5 करोड़ डॉलर तक का निवेश करेगी और बाकी निवेश केंद्र और राज्य सरकार से आएगा।