Switzerland में बनी घड़ियों के दीवाने दुनिया भर के लोग हैं। इसकी वजह स्विस घड़ियां कमाल की होती है। लुक से लेकर बिल्ट क्वालिटी में स्विस घड़ियों का कोई मुकाबला नहीं है। हालांकि, महंगी कीमत होने के कारण बहुत सारे लोग चाह कर भी स्विस घड़ी खरीद नहीं पाते हैं। अब उन लोगों के लिए अच्छी खबर है। भारत में वे सस्ती स्विस घड़ी खरीद पाएंगे। दरअसल, भारत ने स्विट्जरलैंड के साथ मुक्त व्यपार समझौता किया है। इसके चलते भारत ईएफटीए ब्लॉक के साथ अपने व्यापार समझौते के तहत कलाई घड़ियों, चॉकलेट, बिस्किट और दीवार घड़ियों जैसे स्विस उत्पादों पर क्रमिक रूप से Custom duty को समाप्त कर देगा। इससे भारतीय लोग कम कीमत में ये कीमती घड़ी खरीद पाएंगे।
दोनों देशों के बीच बढ़ेगा कारोबार
भारत और चार-यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए ने आपसी व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए रविवार को एक व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्य आइसलैंड, लीशटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। विभिन्न देशों में इस समझौते को मंजूरी देने की विस्तृत प्रक्रिया के कारण इसे लागू होने में एक साल तक का समय लगेगा। एक अधिकारी ने कहा कि हम स्विस घड़ियों और चॉकलेट पर शुल्क रियायतें दे रहे हैं। स्विट्जरलैंड के कुछ प्रसिद्ध घड़ी ब्रांड्स में रोलेक्स, ओमेगा और कार्टियर हैं। स्विट्जरलैंड का ब्रांड नेस्ले भारतीय एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुएं) बाजार की प्रमुख कंपनी और चॉकलेट निर्माता है।
स्विट्जरलैंड के कई उत्पादों पर रियायत दी
यह भारतीय एफएमसीजी खंड में तीसरी सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) द्वारा किए गए टीईपीए दस्तावेजों के विश्लेषण के अनुसार, भारत ने समझौते के तहत स्विट्जरलैंड से आयातित कई उत्पादों पर शुल्क रियायत दी हैं। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, "भारत ने सात से 10 वर्षों में कई स्विस सामानों पर शुल्क हटाने का फैसला किया है। इससे भारतीय ग्राहकों को कम कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पाद मिल सकेंगे।" भाषा अनुराग पाण्डेय पाण्डेय 1003 1758 दिल्ली नननन