पाकिस्तानियों की बेवकूफी का आपको पूरी दुनिया में जोर नहीं मिलेगा। देश कंगाल हो चुका है। लोगों के पास खाने के लिए आटा-चावल नहीं है। पूरा देश बिजली संकट के चलते अंधेरे में डूब हुआ है, लेकिन शौक पर कोई कंट्रोल नहीं। पाकिस्तान के लोगों ने कंगाली के बीच में बीते छह महीनों के दौरान महंगी कारों, अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके कलपुर्जों जैसी वस्तुओं के आयात पर 1.2 अरब डॉलर (259 अरब रुपये) खर्च किए हैं। एक रिपोर्ट में यह बताया गया है। देश भारी वित्तीय संकट से गुजर रहा है। उसका विदेशी विनिमय भंडार कम होकर चार अरब डॉलर रह गया है जिसकी वजह से केंद्रीय बैंक को आवश्यक वस्तुओं के आयात को भी कम करना पड़ा है।
महंगी लग्जरी गाड़ियों की मांग में कोई कमी नहीं
‘द न्यूज’ की रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष परिवहन वाहनों और अन्य वस्तुओं के आयात में कटौती करने के बावजूद अर्थव्यवस्था महंगी लग्जरी गाड़ियों और गैर जरूरी वस्तुओं की खरीद पर होने वाले खर्च की वजह से दबाव में है। इन छह महीने के दौरान पाकिस्तान ने 53.05 करोड़ डॉलर (118.2 अरब रुपये) में पूर्ण रूप से निर्मित इकाइयों (सीबीयू), अलग-अलग कलपुर्जों में लाए गए उत्पाद (सीकेडी/एसकेडी) की खरीद की। अकेले दिसंबर में ही परिवहन क्षेत्र के लिए 14.07 करोड़ डॉलर का आयात किया गया जिसमें 4.75 करोड़ डॉलर में कारों का आयात हुआ।
महंगी कारों के आयात से प्रतिबंध हटा
अखबार के मुताबिक आर्थिक संकट के बावजूद मौजूदा सरकार ने महंगी कारों के आयात से प्रतिबंध हटा लिया है और यह डॉलर में खर्च का प्रमुख कारण बन गया है।