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जिद्दी महंगाई ने RBI को कठोर रुख अपनाने के लिए किया मजबूर, Repo Rate में एक और बढ़ोतरी तय

ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है।

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 05, 2022 16:24 IST
Reserve bank- India TV Paisa
Photo:FILE

Reserve bank

महंगाई में कमी के कोई संकेत नहीं दिखने के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बुधवार को अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में एक और बढ़ोतरी कर सकता है। विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताते हुए कहा कि गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही इसके संकेत दे चुके हैं। केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने बिना तय कार्यक्रम के हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थीं। ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है। विशेषज्ञ आने वाले महीनों में रेपो दर में और बढ़ोतरी का अनुमान जता रहे हैं। 

सोमवार से मौद्रिक समिति की बैठक 

गवर्नर दास के नेतृत्व वाली एमपीसी की तीन दिन की बैठक सोमवार से शुरू होगी। बैठक के दौरान लिए गए फैसलों की घोषणा गवर्नर बुधवार को करेंगे। खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में लगातार सातवें महीने बढ़ते हुए आठ साल के उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसकी मुख्य वजह यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते ईंधन सहित जिंस कीमतों में बढ़ोतरी है। थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति 13 महीने से दो अंक में बनी हुई है और अप्रैल में यह 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्चस्तर को छू गई। दास ने हाल ही में एक टीवी साक्षात्कार में कहा, रेपो दरों में कुछ बढ़ोतरी होगी, लेकिन अभी मैं नहीं बता पाऊंगा कि यह कितनी होगी।

सरकार ने ईंधन पर शुल्क घटाया 

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने एमपीसी की बैठक पर कहा कि यह समीक्षा वृद्धि और मुद्रास्फीति पर केंद्रीय बैंक के विचारों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, रेपो दर में वृद्धि तो होगी, लेकिन यह 0.25-0.35 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, क्योंकि मई में हुई बैठक की टिप्पणियों में यह संकेत दिया गया था कि एमपीसी रेपो दर में बड़ी वृद्धि के पक्ष में नहीं थी। सरकार ने मुद्रास्फीति पर काबू के लिए पेट्रोल-डीजल पर शुल्क में कटौती, कुछ खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कमी और गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने सहित कई कदम उठाए हैं। बोफा सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि उसे उम्मीद है कि आरबीआई जून में रेपो दर में 0.40 प्रतिशत और अगस्त में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगा। 

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