वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मजबूत प्रदर्शन किया है। मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान सरकारी बैंकों के शुद्ध लाभ में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा उनका कारोबार भी बढ़ा है जबकि गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में गिरावट आई है। भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों का कुल कारोबार अप्रैल-सितंबर के दौरान 236.04 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों के दौरान उनके ऋण में सालाना आधार पर 12.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 102.29 लाख करोड़ रुपये रहा। इस दौरान सरकारी बैंकों का जमा पोर्टफोलियो 9.5 प्रतिशत बढ़कर 133.75 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
ऑपरेशनल लाभ 14.4 प्रतिशत बढ़ा
समीक्षाधीन अवधि में बैंकों का ऑपरेशनल लाभ सालाना आधार पर 14.4 प्रतिशत बढ़कर 1,50,023 करोड़ रुपये रहा। शुद्ध लाभ 25.6 प्रतिशत बढ़कर 85,520 करोड़ रुपये रहा। सितंबर, 2024 में बैंकों का सकल और शुद्ध एनपीए क्रमश: 3.12 प्रतिशत और 0.63 प्रतिशत रहा। इसमें सालाना आधार पर क्रमश: 1.08 प्रतिशत और 0.34 प्रतिशत की कमी आई। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में सुधार और नियमित निगरानी ने कई चिंताओं और चुनौतियों का समाधान किया है।
एग्रीकल्चर सेक्टर आसानी से लोन देने का निर्देश
वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया कि उसने सरकारी बैंकों को (पीएसबी) से चालू वित्त वर्ष के दौरान Agriculture से जुड़े सेक्टर के ऋण लक्ष्य को पूरा करने के लिए कदम उठाने को कहा है। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने मंगलवार को पीएसबी, नाबार्ड और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के साथ बैठक में यह बात कही। इस दौरान उन्होंने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन जैसी कृषि-संबद्ध गतिविधियों के लिए कर्ज वितरण की समीक्षा की। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि चर्चा में राज्य सरकारों, पशुपालन और डेयरी विभाग तथा मत्स्य पालन विभाग के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।