शेयर बाजार निवेशकों की दिवाली एक महीने पहले ही हो गई है। ऐसा इसलिए कि 3 दिन में स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले निवेशकों को 8.30 लाख करोड़ की कमाई हो गई है। आपको बता दें कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती के बाद स्थानीय शेयर बाजार लगातार तीन दिन से नई ऊंचाई को छू रहे हैं। इन तीन दिन के दौरान निवेशकों की संपत्ति 8.30 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है। वहीं, इस साल अब तक निवेशकों की कमाई के आंकड़ें पर नजर डालें तो निफ्टी ने करीब 18% और सेंसेक्स ने 16.75% का रिटर्न दिया है।
तीसरे दिन भारतीय बाजार में बंपर तेजी
लगातार तीसरे कारोबारी दिन सोमवार को तेजी के साथ 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 384.30 अंक उछलकर 84,928.61 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 436.22 अंक बढ़कर 84,980.53 अंक के नए सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। तीन दिन में सेंसेक्स 1,980.38 अंक या 2.38 प्रतिशत उछल चुका है। इससे बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) तीन दिन में 8,30,975.85 करोड़ रुपये बढ़कर 4,76,03,923.17 करोड़ रुपये (5,700 अरब डॉलर) पर पहुंच गया है। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में 0.73-0.73 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। बीएसई पर कुल 2,382 शेयरों में तेजी रही, 1,731 में गिरावट आई तथा 120 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।
क्यों बाजार में जारी है तेजी?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती से उत्साह बना हुआ है। इसके चलते घरेलू बाजार नए शिखर पर पहुंचा है। कच्चे माल की लागत में नरमी और दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में कटौती को देखते हुए ऐसी उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक रुख में बदलाव कर सकता है। इससे मूल्यांकन के स्तर पर स्थिति अनुकूल होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, देश के पीएमआई (खरीद प्रबंधक सूचकांक) आंकड़े में नरमी आई है, लेकिन निवेशकों को उम्मीद है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से धारणा में स्थिरता आएगी। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा सर्वाधिक 3.29 प्रतिशत के लाभ में रही। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोटक महिंद्रा बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, अदाणी पोर्ट्स और टाटा स्टील के शेयर भी बढ़त में रहे।