बेंगलुरु के स्टार्टअप्स एक बार फिर फंड जुटाने में सबसे आगे रहे हैं। वैश्विक रिसर्च एजेंसी ट्रैक्शन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 में बेंगलुरु के स्टार्टअप्स 10.8 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाने के साथ शीर्ष पर रहे। इसके बाद मुंबई के स्टार्टअप्स 3.9 अरब डॉलर और गुरुग्राम के स्टार्टअप्स 2.6 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर रहा। दिल्ली और चेन्नई में स्थित स्टार्टअप्स ने फंडिंग में 1.2 अरब डॉलर दर्ज किए, इसके बाद पुणे के स्टार्टअप्स में 1 अरब डॉलर का निवेश हुआ।
स्टार्टअप फंडिंग में आई बड़ी गिरावट
एक बात तो साफ है कि निवेशकों का मोह स्टार्टअप्स से भंग हुआ है। इसके चलते फंडिंग में बड़ी गिरावट देखी गई। गौरतलब है कि 2021 में बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप्स ने 20.8 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी और मुंबई स्थित स्टार्टअप्स ने उसी वर्ष 5.2 अरब डॉलर की राशि जुटाई थी। इसके मुकाबले 2022 में स्टार्टअप फंडिंग में बहुत बड़ी गिरावट आई है। ट्रैक्सन की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, भारत ने 2021 की चौथी तिमाही में फंडिंग में कमी आई है। बढ़ती ब्याज दरों और दुनिया भर में मंदी के डर के कारण, सभी उद्योगों में निवेश प्रभावित हुआ है।
यूनिकॉर्न बनने में लग रहा कम समय
एक अच्छी बात है कि किसी स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनने में कम समय लग रहा है। अब भारतीय स्टार्टअप्स के लिए सीरीज ए फंडिंग से लेकर यूनिकॉर्न राउंड तक औसतन 5.1 साल लग रहे हैं। 2021 में 46 की तुलना में 2022 में 22 यूनिकॉर्न थे, और यूनिकॉर्न राउंड से पहले औसत फंडिंग लगभग 160 मिलियन डॉलर थी। एडटेक में फंडिंग पर प्रभाव के बावजूद बायजू ने 2022 में जुटाई गई सबसे अधिक फंडिंग की सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसने मौजूदा निवेशकों से 2022 में 1.2 अरब डॉलर से अधिक जुटाए। यह एडटेक क्षेत्र में प्राप्त कुल धन का लगभग 50 प्रतिशत था।