आज के डिजीटल युग में फ्रॉड होना आम बात हो गई है। लोगों के साथ-साथ कंपनियां भी फ्रॉड का शिकार हो रही है। जालसाजों के द्वारा चलाई जा रही फर्जी स्कीम से परेशान होकर लोकप्रिय कॉफी ब्रांड स्टारबक्स अदालत पहुंच गया। जहां अदालत नें कंपनी को बड़ी राहत दी और गूगल से भी सभी जालसलों से कंपनी से जुड़े फर्जी लिंक हटाने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कई धोखबाजों की ओर से स्टारबक्स की ओर से फ्रेंचाइजी खोलने नाम पर फर्जी लिंक चलाए जा रहे थे। इन लिंक के जरिए जालसाल गूगल फॉर्म लोगों के पास भेजे जा रहे थे और स्टारबक्स की फ्रेंचाइजी देने का वादा कर रहे हैं।
कंपनी ने अदालत में बताया कि वह भारत में फ्रेंचाइजी मॉडल चलाती ही नहीं है। लेकिन कुछ धोखेबाज स्टारबक्स फ्रेंचाइजी के बारे में गूगल फॉर्म्स के जरिये आम लोगों से जानकारी मांग रहे थे। जबकि इस तरह का कोई फ्रेंचाइजी अवसर उपलब्ध ही नहीं है।
अदालत गूगल को दिया आदेश
ये सभी फर्जी लिंक गूगल पर उपलब्ध है। इस कारण से दिल्ली उच्च न्यायालय ने गल से स्टारबक्स फ्रेंचाइजी खोलने के लिए लोगों से आवेदन आमंत्रित करने वाले ‘धोखेबाजों’ के लिंक को निलंबित करने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने कॉफी श्रृंखला स्टारबक्स कॉरपोरेशन की तरफ से दायर एक मुकदमे की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है।
इस मामले में न्यायालय ने कहा कि वादी कंपनी राहत की हकदार है क्योंकि ‘गूगल फॉर्म्स’ को कुछ धोखेबाज पोस्ट कर रहे थे ताकि आम जनता से ऐसी फ्रेंचाइजी के लिए निजी जानकारी जुटाई जा सके जिसका वजूद ही नहीं है। न्यायालय ने कहा कि इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति दयाल ने हाल ही में एक अंतरिम आदेश में कहा था कि इसे ध्यान में रखते हुए गूगल एक सप्ताह के भीतर आदेश में उल्लिखित यूआरएल को तुरंत निलंबित करेगी। अदालत ने कहा कि स्टारबक्स यूआरएल के जरिये फ्रेंचाइजी के संबंध में मांगी जा रही जानकारियों के बारे में सूचना दे सकती है ताकि गूगल उन्हें निलंबित कर सके।