Highlights
- श्रीलंका ने भारत और म्यामां से चार लाख टन चावल आयात करने का फैसला किया है
- श्रीलंका भारत से 3 लाख टन और म्यामां से 1 लाख टन चावल आयात करने के लिए कदम उठा रहा है
- श्रीलंकाई बाजार में चावल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए चावल के आयात का फैसला लिया है
कोलंबो। श्रीलंका ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतों को स्थिर करने के लिए भारत और म्यामां से चार लाख टन चावल आयात करने का फैसला किया है। श्रीलंका के सरकारी समाचारपत्र ‘डेली न्यूज’ ने मंगलवार को एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से इस फैसले की जानकारी दी।
व्यापार मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव गिलमा दहनायके ने समाचार पत्र से कहा, ‘‘मंत्रालय भारत से तीन लाख टन और म्यामां से एक लाख टन चावल आयात करने के लिए कदम उठा रहा है।’’ खबरों के अनुसार, व्यापार मंत्रालय ने श्रीलंकाई बाजार में चावल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए चावल के आयात का फैसला लिया है। कई बड़ी चावल मिल इकाइयों के गुटबंदी करने से स्थानीय बाजार में चावल के दाम बढ़ गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट कहती है कि श्रीलंका सरकार पड़ोसी देशों से 20,000 टन की कई खेपों में चावल का आयात करेगी। आयातित चावल को नियमित तौर पर बाजार में बिक्री के लिए जारी किया जाएगा।
विदेशी मुद्रा के गंभीर संकट से जूझ रहे श्रीलंका में चावल की मांग करीब 21 लाख टन रहने का अनुमान है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए 40 लाख टन धान की जरूरत होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, व्यापार मंत्रालय ने चावल आयात की लागत को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से विदेशी मुद्रा जारी करने का अनुरोध किया है।