Sri Lanka Crisis: गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने ऐसी आशंका जताई है कि देश को अभी एक साल तक इस मु्श्किल दौर का सामना करना पड़ सकता है। विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को एक सम्मेलन में कहा कि संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए अलग हटकर सोचना होगा और लॉजिस्टिक्स एवं नाभिकीय ऊर्जा जैसे नए क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा।
‘‘श्रीलंका को दें नया रूप’’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में कहा कि देश में किए जाने वाले जरूरी सुधारों के लिए ऊंचे कराधान की भी जरूरत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अनुमान है कि अगले छह महीने से एक साल तक यानी अगले साल जुलाई तक हमें अभी मुश्किल दौर का सामना करना पड़ेगा।
देश को पटरी पर लाने के लिए श्रीलंका को लॉजिस्टिक्स और परमाणु ऊर्जा जैसे नए क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा।’’ राजपक्षे शासन के खिलाफ व्यापक विरोध-प्रदर्शन और अशांति के बाद पिछले महीने राष्ट्रपति पद संभालने वाले विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘अगर आप भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं को देखें तो यह पाएंगे कि कोलंबो, हम्बनटोटा और त्रिंकोमली में भी लॉजिस्टिक्स की बड़ी भूमिका हो सकती है। हमारी सामरिक स्थिति कुछ ऐसी ही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संपत्ति पर कराधान जैसे उपायों को हमें अपनाना होगा। आर्थिक पुनरुद्धार के अलावा सामाजिक सुरक्षा के लिए भी ऐसा करना होगा।’’ परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में उतरने की जरूरत बताते हुए विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘आपके पास ज्यादा ऊर्जा होगी तो आप उसे भारत को बेच सकते हैं। हमें अलग हटकर सोचना होगा।’’