Highlights
- आर्थिक रूप से कंगाल श्रीलंका के पास रूसी तेल की एक खेप पहुंची है
- श्रीलंका की एकमात्र तेल रिफाइनरी में शुक्रवार को परिचालन फिर से शुरू
- रूस से कच्चे तेल को खरीदने वाला श्रीलंका नया एशियाई देश बन गया
रूस और यूक्रेन युद्ध की मार पूरी दुनिया पर पड़ रही हैै। यूरोप में एनर्जी क्राइसिस है, अमेरिका में महंगाई बढ़ रही है वहीं भारत जैसे देश बढ़ती तेल की कीमतों से परेशान है। ऐसे में पहले से ही आर्थिक रूप से कंगाल हो चुके श्रीलंका को रूसी युद्ध से बड़ा फायदा मिल रहा है।
दरअसल श्रीलंका में बीते 1 हफ्ते से पेट्रोल पूरी तरह से खत्म हो चुका है, वहीं डीजल के सीमित स्टॉक ही बचे हैं। इसी बीच श्रीलंका के पास रूसी तेल की एक खेप पहुंची है। जिसके चलते श्रीलंका की एकमात्र तेल रिफाइनरी में शुक्रवार को परिचालन फिर से शुरू हो गया। इसके साथ ही रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति भी शुरू हो गई है।
दो महीने से बंद थी रिफाइनरी
श्रीलंका फिलहाल आजादी के बाद से अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है। पैसे न चुका पाने की वजह से खाड़ी देशों ने श्रीलंका को कच्चा तेल देने से मना कर दिया था। श्रीलंका के तटों पर कच्चे तेल से भरे कंटेनर खड़े हैं लेकिन पैसे न चुका पाने के कारण श्रीलंका को यह तेल नहीं मिल पाया। जिसके चलते श्रीलंका ने रिफाइनरी में परिचालन को दो महीने से अधिक समय पहले बंद कर दिया था।
पहली बार रूसी तेल की खरीद
बिजली और ऊर्जा मंत्री कंचना विजसेकरा ने बृहस्पतिवार को एक ट्वीट में लिखा, ‘‘सपुगस्कन्द तेल रिफाइनरी 20 मार्च, 2022 के बाद पहली बार अपना परिचालन फिर से शुरू करेगी, जिसमें कच्चे तेल कल से उतारा जाएगा।’’ इसी के साथ यूक्रेन पर 24 फरवरी को आक्रमण के बाद रूस से कच्चे तेल को खरीदने वाला श्रीलंका नया एशियाई देश बन गया।