Highlights
- ईसीएलजीएस के तहत एयरलाइन को लगभग 225 करोड़ रुपये प्राप्त होने की संभावना
- ईसीएलजीएस योजना के तहत ऋण के लिए मंजूरी मिल गई
- डीजीसीए ने स्पाइसजेट पर 50% उड़ानों के अंकुश को 29 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है
Spicejet अक्टूबर से अपने पायलटों के एक वर्ग के वेतन में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगी। कंपनी की एक आंतरिक सूचना से यह जानकारी मिली है। सूचना के अनुसार, एयरलाइन को सरकार से ऋण गारंटी योजना के तहत धन की पहली किस्त मिली है जिसके बाद उसने अपने पायलटों एक वर्ग के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला किया है। एयरलाइन की ओर से अपने पायलटों को भेजी गयी सूचना के मुताबिक, अजय सिंह प्रवर्तित घाटे में चल रही विमानन कंपनी अगले दो से तीन सप्ताह में अपने कर्मचारियों के स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) को जमा करेगी।
225 करोड़ रुपये प्राप्त होने की संभावना
एयरलाइन की ओर से सूचना ऐसे समय दी गई है जबकि उसने अपने चालक दल के 80 सदस्यों को तीन महीने के लिए बिना वेतन छुट्टी पर भेज दिया है। इसके अलावा नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्पाइसजेट पर 50 प्रतिशत उड़ानों के अंकुश को 29 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। एयरलाइन के सूत्रों ने दो सितंबर को को बताया था कि सरकार की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत एयरलाइन को लगभग 225 करोड़ रुपये प्राप्त होने की संभावना थी। स्पाइसजेट के उड़ान परिचालन के प्रमुख कैप्टन गुरचरण अरोड़ा ने सूचना में कहा कि एयरलाइन को केंद्र सरकार की ईसीएलजीएस योजना के तहत ऋण के लिए मंजूरी मिल गई है। इसकी पहली किस्त प्राप्त हो चुकी है। हालांकि, उन्होंने पहली किस्त में प्राप्त राशि का उल्लेख नहीं किया।
सालाना आमसभा के लिए मिली तीन महीने की मोहलत
विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने शुक्रवार को अपनी सालाना आमसभा (एजीएम) के लिए तीन महीनों की मोहलत मिल गई है। यह छूट मिलने के बाद स्पाइसजेट अब वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपने एजीएम की बैठक दिसंबर, 2022 के अंत तक कर सकती है। एयरलाइन ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि दिल्ली एवं हरियाणा क्षेत्र के कंपनी पंजीयक से उसे एजीएम बैठक बुलाने के लिए तीन महीने तक की मोहलत मिल गई है। वित्त वर्ष 2021-22 के नतीजे जारी करने में हुई देरी की वजह से उसे एजीएम के लिए यह छूट दी गई है। स्पाइसजेट ने पिछले वित्त वर्ष के अपने नतीजों की घोषणा गत 31 अगस्त को की थी। इसके मुताबिक, समाप्त वित्त वर्ष में स्पाइसजेट का शुद्ध घाटा बढ़कर 458 करोड़ रुपये हो गया जबकि वर्ष 2020-21 में उसका घाटा 235.3 करोड़ रुपये रहा था।