वित्तीय संकट का सामना कर रही भारतीय एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने अपने कर्मचारियों को पेंडिंग सैलरी का भुगतान कर दिया है। स्पाइसजेट ने इसके साथ ही कर्मचारियों के पीएफ खाते में 10 महीने का पैसा भी जमा कर दिया है। इतना ही नहीं, संकटग्रस्त एयरलाइन कंपनी ने जीएसटी बकाये का भी भुगतान कर दिया है। एयरलाइन कंपनी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है।
कंपनी ने QIP के जरिए जुटाए हैं 3,000 करोड़ रुपये
स्पाइसजेट ने अभी हाल ही में 3,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एयरलाइन ने 23 सितंबर को पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) के आधार पर शेयर जारी कर 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी। एयरलाइन कंपनी के एक प्रवक्ता ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि नए फंड्स जुटाने के पहले हफ्ते के अंदर ही कंपनी ने सभी पेंडिंग सैलरी और जीएसटी बकाये का भुगतान कर दिया है और कर्मचारियों के खाते में पीएफ के 10 महीने का बकाया जमा करने के साथ ही महत्वपूर्ण प्रगति की है।
स्पाइसजेट ने विमान पट्टेदाताओं के साथ किया समझौता
प्रवक्ता ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि अन्य बकाया राशि के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, एयरलाइन ने अलग-अलग विमान पट्टेदाताओं (Aircraft Lessors) के साथ समझौता कर लिया है। बताते चलें कि स्पाइसजेट को अभी कई तरह की वित्तीय समस्याओं और कानूनी दिक्कतों समेत कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी के फ्लीट में विमानों की संख्या भी कम हो गई है।
2019 में फ्लीट में शामिल थे 74 प्लेन
साल 2019 में कंपनी के फ्लीट में कुल 74 प्लेन थे। जबकि साल 2024 में कंपनी का फ्लीट साइज 74 से घटकर सिर्फ 28 रह गया है। इतना ही नहीं, फंडिंग के मुद्दे के कारण 36 प्लेन ग्राउंड पर हैं। हालांकि, लाइव एयरक्राफ्ट फ्लीट ट्रैकिंग वेबसाइट planespotter.net के मुताबिक, 5 सितंबर तक स्पाइसजेट के सिर्फ 20 एयरक्राफ्ट ही सर्विस में थे जबकि 38 प्लेन ग्राउंड पर थे।
शुक्रवार को स्पाइसजेट के शेयरों में भारी गिरावट
शुक्रवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच स्पाइसजेट के शेयरों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को बीएसई पर कंपनी के शेयर 4.25 प्रतिशत (2.79 रुपये) की गिरावट के साथ 62.79 रुपये के भाव पर बंद हुए। स्पाइसजेट के शेयरों का 52 वीक हाई 79.90 रुपये और 52 वीक लो 34.00 रुपये है। कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 8,047.70 करोड़ रुपये है।