आजकल डिस्काउंट का हर ओर काफी चलन है। आपको मोबाइल से लेकर जूतों तक पर डिस्काउंट मिल जाएगा। लेकिन आपसे कहा जाए कि सोना भी डिस्काउंट में मिल सकता है तो आपको शायद यकीन नहीं आए। लेकिन यह सच है। कोई सुनार नहीं बल्कि सरकार ही आपको सस्ती कीमत पर सोना खरीदने का मौका दे रही है। सरकार ने अपने लोकप्रिय सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड की तीसरी सीरीज (Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 – Series III) को पेश कर दिया है। इसके तहत 19 से 23 दिसंबर के बीच कम कीमत पर सोना खरीदने का मौका मिलेगा।
क्या है गोल्ड बॉण्ड की कीमत
आरबीआई (RBI) के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड के लिए इश्यू प्राइस 5,409 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। भारत सरकार की तरफ से ये बॉण्ड रिजर्व बैंक द्वारा जारी किये जायेंगें वित्त मंत्रालय ने बताया कि सोने के बॉण्ड का दाम इंडिया बुलियन एण्ड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा जारी दाम के सामान्य औसत भाव पर होगा। यह दाम निवेश की अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन कारोबारी दिवस के दौरान 999 शुद्धता वाले सोने का औसत भाव होगा।
ग्राहकों को मिलेगी 50 रुपये की छूट
बॉन्ड खरीदने के लिये ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वालों को बॉण्ड के दाम में 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी। यानि ऑनलाइन पेमेंट करने वाले निवेशकों के लिए गोल्ड बॉण्ड का इश्यू प्राइस 5,359 रुपये प्रति ग्राम होगा। बॉण्ड की अवधि आठ वर्षों की होगी जिसमें पांच साल बाद अगले ब्याज भुगतान की तिथि पर बॉन्ड से हटने का भी विकल्प होगा। स्वर्ण बॉण्ड में निवेश एक ग्राम के मूल यूनिट के अनुरूप किया जा सकेगा। कम से कम एक ग्राम सोने के लिये निवेश करना होगा।
कहां से खरीद सकेंगे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
मंत्रालय के मुताबिक बांड स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से बेचे जाएंगे। लघु वित्त बैंक और भुगतान बैंकों को बॉन्ड बेचने की अनुमति नहीं होगी।
कितना कर सकते हैं निवेश
बयान के अनुसार कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम चार किलोग्राम मूल्य तक का बॉन्ड खरीद सकता है जबकि ट्रस्ट और समान संस्थाएं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है। बांड खरीदने के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) संबंधी मानदंड उसी तरह के होंगे जैसे कि बाजार से सोना खरीदते हुये होते हैं। सरकार की सावरेन गोल्ड बॉंड योजना नवंबर 2015 में शुरू हुई थी।