क्या एक बार फिर अमेरिका से वैश्विक मंदी की आहट मिलने लगी है। ऐसा इसलिए कि मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अमेरिका के 10 छोटे और मिड साइज बैंकों की क्रेडिट रेटिंग घटा दी है। इसके साथ ही एम एंड टी बैंक कॉर्प, वेबस्टर फाइनेंशियल कॉर्प, बीओके फाइनेंशियल कॉर्प, ओल्ड नेशनल बैनकॉर्प, पिनेकल फाइनेंशियल पार्टनर्स इंक और फुल्टन फाइनेंशियल कॉर्प सहित कुछ प्रमुख ऋणदाताओं को बाहर कर दिया है।
आपको याद होगा कि 2008 में लीमैन ब्रदर्स बैंक डूबने के साथ दुनिया बड़ी आर्थिक मंदी की चपेट में आ गई थी। हाल के महीनों में अमेरिका के दो बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Crisis) और सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) दिवालिया हो चुके हैं। इससे एक बार फिर वैश्विक जगत में सवाल उठने लगे हैं कि कहीं अमेरिका से फिर वैश्विक मंदी की शुरुआत तो नहीं होने वाली है।
11 बैंकों के लिए निगेटिव आउटलुक
रेटिंग एजेंसी ने पीएनसी फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप, कैपिटल वन फाइनेंशियल कॉर्प, सिटीजन्स फाइनेंशियल ग्रुप इंक, फिफ्थ थर्ड बैनकॉर्प, रीजन फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन, एली फाइनेंशियल इंक, बैंक ओजेडके और हंटिंगटन सहित 11 बैंकों के लिए "निगेटिव आउटलुक" दिया है। मूडीज ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी बैंकों के लिए कमाई करना कमाना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि ब्याज दरें ऊंची बनी हुई हैं, फंडिंग लागत बढ़ रही है और मंदी का खतरा मंडरा रही है।
भारत पर क्या होगा?
वैकिंग सेक्टर के जानकारों का कहना है कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर पर इसका कोई असर नहीं होगा। भारतीय बैंक की बैलेंस सीट काफी मजबूत है। रिजर्व बैंक लगातार बैंकों की वित्तीय सेहत पर नजर बनाए हुए हैं। हां, इस घटना का भारतीय शेयर बाजार पर असर देखने को मिल सकता है। बाजार में गिरावट आ सकती है।
बैंकिंग शेयरों में आई बड़ी गिरावट
मूडीज द्वारा डाउनग्रेड किए गए बैंकिंग शेयरों में 1.7% से 2.1% के बीच गिरावट आई। KBW क्षेत्रीय बैंकिंग इंडेक्स में मंगलवार को 1.38% की गिरावट आई, जबकि व्यापक S&P500 बैंकिंग इंडेक्स में भी लगभग 1.07% की गिरावट आई। इस बीच, यूरोप में, प्रमुख बैंकों के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली है। बैंकिंग शेयर में गिरावट से अमेरिका बाजार टूटकर बंद हुए।