दिल्ली के उप-राज्यपाल वी.के. सक्सेना ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक चिट्ठी लिखी। वी.के. सक्सेना ने इस चिट्ठी में वित्त मंत्री से गाड़ियों के इंश्योरेंस प्रीमियम को उसके खिलाफ दर्ज किए गए यातायात नियमों के उल्लंघनों की संख्या से जोड़ने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से ट्रैफिक डिसिप्लीन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उप-राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अनुसार, भारत में 2022 में 4.37 लाख से ज्यादा सड़क हादसे हुए, जिसमें करीब 1.55 लाख लोगों की मौत हुई थी।
ओवर-स्पीडिंग की वजह से हुए 70% हादसे
वित्त मंत्री को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा, ''ये कुल हादसों में करीब 70 फीसदी हादसे ओवर-स्पीडिंग की वजह से हुए, जबकि रेड-लाइट जंपिंग जैसे मामलों ने घातक हादसों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वर्ल्ड बैंक द्वारा हादसों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलाता है कि कई बार यातायात उल्लंघन करने वाले वाहनों में क्लीन ड्राइविंग रिकॉर्ड वाले वाहनों की तुलना में घातक हादसों में शामिल होने का 40% ज्यादा जोखिम होता है। दिल्ली में हुए हादसों के आंकड़े इन निष्कर्षों की पुष्टि करते हैं।''
नियम तोड़ने वाली गाड़ियों का प्रीमियम महंगा करने का प्रोपोजल
उन्होंने लेटर में आगे लिखा, ''बार-बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और हादसों के जोखिम के बीच एक स्पष्ट सहसंबंध है। इसलिए मैं सुझाव दूंगा कि MoRTH के VAHAN डेटाबेस में दर्ज ट्रैफिक उल्लंघनों की आवृत्ति और गंभीरता के आधार पर एक स्तरित बीमा प्रीमियम प्रणाली शुरू की जा सकती है। एक वाहन जिसे ओवर-स्पीडिंग, रेड लाइट जंपिंग और खतरनाक ड्राइविंग जैसे अपराधों के लिए अक्सर चेतावनी दी जाती है, उसे बीमा प्रीमियम के लिए ज्यादा पैसों का भुगतान करने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। ये वित्तीय निवारक बेहतर ड्राइविंग व्यवहार को प्रोत्साहित करेगा।''
अमेरिका और यूरोप में इसी नियम का होता है पालन
उप-राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि इस तरह के उपायों को अमेरिका जैसे अन्य देशों में सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जहां ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन और ओवरस्पीडिंग के चालान के आधार पर बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी होती है, जिससे औसत प्रीमियम में 20 से 30% की वृद्धि होती है। कई यूरोपीय देशों में भी इसका पालन किया गया।