भारतीय स्मॉल और मिडकैप शेयरों में पिछले कुछ दिनों से भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इस कारण से निवेशकों को स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में चालू हफ्ते में करीब 70 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। बता दें, स्मॉल और मिडकैप शेयरों में बढ़त को लेकर नियामक सेबी की ओर से चिंता व्यक्त की गई थी और म्यूचुअल फंड में लंपसम निवेश को सीमित करने को लेकर कहा गया था।
15 महीने में सबसे बड़ी गिरावट
समाचार एजेंस रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में पिछले 15 हफ्तों में सबसे बड़ी गिरावट हुई है। सेबी की ओर से एएमसी कंपनियों को म्यूचुअल फंड स्कीम्स का स्ट्रेस टेस्ट करने का आदेश भी इस गिरावट की एक वजह है।
एक साल में स्मॉलकैप और मिडकैप में हुई बड़ी रैली
पिछले एक साल में निफ्टी स्मॉलकैप और निफ्टी मिडकैप शेयरों में धमाकेदार रैली देखने को मिली है। बीते एक साल में निफ्टी स्मॉल 100 इंडेक्स करीब दोगुना हो चुका है, जबकि मिडकैप इंडेक्स 60 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दे चुका है। फरवरी में ये ज्यादातर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर अपने उच्चतम स्तर पर थे। जियोजित फाइनेंसियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि बिना स्ट्रेस टेस्ट के एक बात साफ है कि बाजार में वैल्यूएशन कम्फर्ट जोन में नहीं है। कुछ पॉकेट्स में सावधान रहने की जरूरत है।
AMFI ने उठाएं कदम
शेयरों में बढ़त को देखते हुए AMFI की ओर से भी एएमसी कंपनियों को स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स के इनफ्लो को नियत्रिंत करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। ज्यादा तेजी होने से इन शेयरों में गिरावट की संभावना बढ़ गई है। रिपोर्ट में कोटक सिक्योरिटीज ने विश्लेषकों के हवाले से कहा गया था कि बाजार में हाल में हुए करेक्शन के बाद भी कुछ कमजोर शेयरों में गिरावट की संभावना है।