कर्ज के बोझ तले दबी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के कर्जदाताओं को कर्ज समाधान योजना के तहत 15 मई तक संभावित खरीदारों से छह बोलियां मिली हैं। एफआरएल के लिए कर्ज समाधान योजना पेश करने की अंतिम तारीख 15 मई तय की गई थी। इसके लिए 48 कंपनियों को चुना गया था लेकिन समयसीमा खत्म होने तक सिर्फ छह प्रस्ताव ही जमा किए गए। फ्यूचर रिटेल ने शेयर बाजार को संभावित खरीदारों से मिली बोलियों की जानकारी दी है। हालांकि उसने कर्ज समाधान योजना पेश करने वाले संभावित खरीदारों के नामों का खुलासा नहीं किया है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, रिलायंस रिटेल, जिंदल पावर लिमिटेड और अडाणी समूह जैसे बड़े कारोबारी घरानों ने बोली लगाने के लिए दावेदारी नहीं पेश की थी। इस वजह से ये बड़ी कंपनियां 48 संभावितों में भी शामिल नहीं थीं। माना जा रहा है कि फ्यूचर रिटेल के प्राइम लोकेशन पहले से लीज पर चले जाने के बाद बड़ी कंपनियों ने बोली लगाने का फैसला नहीं किया।
कंपनी पर 30 हजार करोड़ का भारी कर्ज
फ्यूचर रिटेल पर करीब 30,000 करोड़ रुपये का कर्ज बोझ है। कर्ज चुकाने में नाकाम रहने पर कर्जदाताओं ने उसके खिलाफ कर्ज समाधान प्रक्रिया शुरू की है। इसी सिलसिले में ये बोलियां आमंत्रित की गई थीं। आपको बता दें कि पहले फ्यूचर रिटेल को खरीदने की दौड़ में 48 कंपनियों का नाम आया था। इनमें रिलायंस रिटेल, जिंदल पावर लिमिटेड और अडाणी समूह के नाम भी सामने आए थे। इसके सााथ अन्य कंपनियों में डब्ल्यूएचस्मिथ ट्रैवल लिमिटेड, सहारा एंटरप्राइजेज, सेंचुरी कॉपर कॉरपोरेशन, ग्रीनटेक वर्ल्डवाइड, हर्षवर्धन रेड्डी, जे सी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, पिनेकल एयर प्राइवेट लिमिटेड और यूनिवर्सल एसोसिएट्स के नाम भी शामिल थे।
15 जुलाई तक वक्त दिया गया
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को कंपनी की कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) को पूरा करने के लिए 90 दिनों का और वक्त दिया था। एफआरएल की याचिका को स्वीकार करते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने एफआरएल के सीआईआरपी को पूरा करने की समयसीमा बढ़ाकर 15 जुलाई, 2023 कर दी थी। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया था कि एनसीएलटी ने 13 अप्रैल, 2023 को याचिका पर सुनवाई की और एफआरएल द्वारा सीआईआरपी को पूरा करने के लिए 90 दिन का समय बढ़ाते हुए 15 जुलाई, 2023 तक का वक्त दिया। कर्ज अदायगी में चूक के बाद 20 जुलाई, 2022 को एनसीएलटी ने एफआरएल के खिलाफ सीआईआरपी शुरू किया था। आईबीसी के तहत दिवाला समाधान के लिए समयसीमा 330 दिनों की है, जिसमें मुकदमेबाजी में लगने वाला समय भी शामिल है।