Silver Price Outlook : चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। चांदी की वायदा कीमतें इस समय 83,000 रुपये प्रति किलोग्राम के आस-पास बनी हुई हैं। चांदी का इंडस्ट्रियल यूज ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है। इससे डिमांड के मुकाबले सप्लाई की शॉर्टेज पैदा हो गई है, जिससे कीमतें बढ़ रही हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर पैनल और मेडिकल डिवाइसेज में चांदी का उपयोग होता है। ईवी और सोलर की तरफ बढ़ते फोकस से चांदी का यूज भी बढ़ रहा है। दरअसल, चांदी बहुत अच्छी इलेक्ट्रिक कंडक्टर होती है। यह न तो गलती है और न ही शॉर्ट होती है, इसलिए इसका इस्तेमाल होता है। इसका कोई दूसरा अच्छा विकल्प नहीं है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी हेड अनुज गुप्ता के अनुसार, चांदी की ग्लोबल सप्लाई में शॉर्टेज है। यह लगातार पांचवां साल है, जब डिमांड के मुकाबले चांदी की सप्लाई कम है। साल 2024 में डिमांड की तुलना में 7,513 टन चांदी की कमी है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि इस साल के आखिर तक भाव 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन-से कारण हैं, जिनकी वजह से चांदी के भाव आने वाले दिनों में बढ़ सकते हैं।
बढ़ रहा चांदी का इंडस्ट्रियल यूज
साल 2023 में सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल आदि में चांदी की डिमांड 11 फीसदी बढ़कर 20,353 टन रही थी। साल 2024 में भी चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ रही है।
सौर पैनल में दोगुना हो जाएगा चांदी का यूज
इस समय भारत सहित दुनियाभर में सौर एनर्जी पर फोकस है। सौर पैनल में चांदी का यूज तेजी से बढ़ रहा है। साल 2025 तक सौर पैनल में चांदी का इस्तेमाल दोगुना होने का अनुमान है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल में चांदी का इस्तेमाल
भारत सहित दुनियाभर के देश इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे ईवी में चांदी की खपत तेजी से बढ़ रही है। इससे साल 2025 तक ईवी में चांदी की डिमांड 5,250 टन तक पहुंचने का अनुमान है।
सिल्वर जूलरी की बढ़ती डिमांड
चांदी की जूलरी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। साल 2023 में सिल्वर जूलरी की डिमांड 5,655 टन थी। इस साल भी यही ट्रेंड है।
सेंट्रल बैंकों की खरीद
इजराइल-हमास और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे भू-राजनीतिक तनावों को देखते हुए दुनियाभर के सेंट्रल बैंक सोने-चांदी की खरीदारी बढ़ा रहे हैं।
ब्याज दरें घटने पर बढ़ेंगे दाम
सितंबर मध्य में होने वाली यूएस फेड रिजर्व की बैठक में प्रमुख ब्याज दर में कटौती की प्रबल संभावनाएं हैं। साल 2008 के बाद पहली बार अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की जाएगी। यह चांदी की खपत को बढ़ावा देगा।
कहां पहुंचेंगी कीमतें
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार, पिछले 10-12 साल चांदी चली नहीं, तो माइंस में लागत बढ़ गई और उत्पादन कम हुआ। अब इंडस्ट्रियल यूज बढ़ने से सप्लाई की कमी है। उनके अनुसार, अगले 1 साल में चांदी की कीमत 1.25 लाख से 1.5 लाख रुपये किलो पहुंच सकती है।