Supreme Court ने टाटा संस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष साइरस मिस्त्री और टाटा समूह के बीच जारी विवाद में अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से गुरुवार को इनकार कर दिया। टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाए जाने के खिलाफ साइरस मिस्त्री ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन शीर्ष अदालत ने मार्च 2021 में टाटा समूह के निर्णय को सही ठहराते हुये उसके पक्ष में फैसला सुनाया था।
मिस्त्री को पद से हटाने का फैसला लिया था
दिसंबर 2019 में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) ने 24 अक्टूबर 2016 को हुई टाटा बोर्ड की बैठक की कार्रवाई को अवैध ठहराया था। इसी बोर्ड मीटिंग में साइरस मिस्त्री को पद से हटाने का फैसला लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के इस आादेश को रद्द करते हुये कहा था कि साइरब मिस्त्री को पद से हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह कानून सम्मत है। सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले का पुनर्विचार करने की गुहार लगाते हुए साइरस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिग इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने याचिका दायर की थी।
मिस्त्री को 2012 में अध्यक्ष बनाया गया था
मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा की जगह टीएसपीएल का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन चार साल बाद उन्हें हटा दिया गया था। चीफ जस्टिस एन वी रमना की अगुवाई वाली खंडपीठ ने पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने साइरस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिग इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करने पर अपनी सहमति दी थी।