बजट पेश होने में महज 10 दिन बचे हैं। जितनी तेजी से केंद्र सरकार बजट बनाने में लगी है, उतनी ही तेजी से शेयर बाजार में निवेशकों के पैसे डूब रहे हैं। आज फिर सेंसेक्स 229 अंक टूटकर 60,628 अंक पर बंद हुआ। पिछले सत्र का देखा जाए तो बीएसई में लिस्टेड फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 281.8 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 280.2 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिससे निवेशकों को एक ही सत्र में 1.6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
बजट के बाद बाजार में आएगी उछाल?
इस बात से खुद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि देश और दुनियाभर में मंदी के संकट मंडरा रहे हैं, लेकिन भारत के परिपेक्ष्य में देखा जाए तो स्थिति कुछ ठीक लग रही है। विश्व बैंक के मुताबिक, भारत अकेला ऐसा देश होगा जो मंदी के दौर में भी विकास करता दिखाई देगा। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने अपनी ताजा ‘आर्थिक परिदृश्य’ के रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक स्तर पर मंदी के बीच भारत चालू वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर के साथ एशिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहेगा। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इन सबको देखते हुए सरकार बजट में विकास के मुद्दें पर अधिक फोकस करेगी, और जब भारत विकास के रास्ते पर होगा तब दुनियाभर के निवेशक इंडिया में निवेश करेंगे और इससे बाजार में जल्द तेजी देखने को मिलेगी।
पहले भी दर्ज हो चुकी है ऐसी गिरावट
अगर गिरावट वाले सालों की बात करें तो 2013 में बेंचमार्क सेंसेक्स 6.2 फीसदी गिरा था, जबकि 2012 में इसमें 3.8 फीसदी की गिरावट आई थी। 2020 में भी इसमें 3.8 फीसदी की गिरावट आई थी। 2014 में, बेंचमार्क 0.8 प्रतिशत और 2015 में 0.7 प्रतिशत नीचे था। 2023-24 के केंद्रीय बजट में कुछ ही दिन दूर हैं, ऐसी संभावना है कि यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी की उम्मीदों के कारण बीएसई बेंचमार्क में अस्थिरता हो सकती है। साथ ही चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भू-राजनीतिक स्थिति अभी भी अस्थिर है, बजट की दौड़ में बाजार तेजी के रुझान दिखा सकते हैं। इस परिदृश्य में यह देखने की जरूरत है कि इस महीने के दौरान समग्र रुझान कैसा रहता है।
इन बजट से पहले बाजार में दिखी थी रौनक
पिछले 10 बजटों में से अंतिम 6 बजट पेश करने से पहले के महीने में बाजार में शानदार तेजी रही। बाजार के आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में बजट के एक महीने की दौड़ में बीएसई सेंसेक्स में 7.5 प्रतिशत की तेजी से सुधार हुआ। बीएसई सेंसेक्स ने 2017 और 2018 के केंद्रीय बजट से पहले के महीने में अच्छा प्रदर्शन किया, आंकड़ों के अनुसार 5.7 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत की बढ़त हासिल की। इसी तरह, बेंचमार्क 2021 में 1.5 प्रतिशत और 2019 में 0.6 प्रतिशत बढ़ा। 2022 में बीएसई बेंचमार्क 4.4 फीसदी चढ़ा था।