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Sensex 80,700 के रिकॉर्ड हाई के पार निकला, शेयर-म्यूचुअल फंड से मुनाफा निकाले या बने रहे? जानें क्या करें

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आपने अच्छी कंपनी के स्टॉक में निवेश किया है तो घबराने की जरूरत नहीं। लंबी अवधि में पैसा बनेगा। हां, यह जरूर है कि आप समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को ​रीबैलेंस करते रहे।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: July 15, 2024 12:13 IST
Sensex- India TV Paisa
Photo:PTI सेंसेक्स

शेयर बाजार (Share Market) में जारी तेजी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आज सेंसेक्स 80,700 के पार निकल गया है। निफ्टी भी 24,581 पर पहुंच गया है। इस तरह दोनों इंडेक्स रिकॉर्ड हाई पर ट्रेड कर रहे हैं। कई मार्केट एक्सपर्ट भारतीय बाजार के ओवरवैल्यूएशन को लेकर चिंता जता रहे हैं। एक्सपर्ट निवेशकों को मिड कैप और स्मॉल कैप से ​पैसा निकालकर लॉर्ज कैप स्टॉक और लॉर्ज कैप म्यूचुअल फंड स्कीम में लगाने की सलाह दे रहे हैं। इसकी वजह बाजार में कभी भी बड़ी गिरावट की आशंका है। ऐसे में अगर आप शेयर या म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रखे हैं और अच्छा मुनाफा हो रहा है तो क्या करना चाहिए? क्या आपको मुनाफा काट लेना चाहिए या अभी निवेशित रहना चाहिए? आइए जानते हैं। 

अच्छे स्टॉक में निवेशित रहे 

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आपने अच्छी कंपनी के स्टॉक में निवेश किया है तो घबराने की जरूरत नहीं। लंबी अवधि में पैसा बनेगा। हां, यह जरूर है कि आप समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को ​रीबैलेंस करते रहे। कम रिस्क लेने वाले निवेशकों को चाहिए कि वो अपना पैसा अब मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक से निकाल कर लॉर्ज कैप में लगा लें। लॉर्ज कैप स्टॉक अभी भी वैल्यूएशन के लिहाज से ठीक हैं। रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो लॉर्ज कैप में ज्यादा बेहतर है। आपको बता दें कि रीबैलेंसिंग जोखिम को कम करता है और अधिक स्थिर रिटर्न देता है, जिससे इक्विटी में निवेशकों का विश्वास बढ़ता है। यह नए निवेशकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिन्होंने इक्विटी बाजारों में अपनी यात्रा अभी निवेश ​शुरू की है और कभी मंदी के दौर से नहीं गुजरे हैं।

म्यूचुअल फंड निवेशक क्या करें?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले बहुत कम निवेशक अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करते हैं। अधिकांश लोग पहले की तरह ही निवेश करना जारी रखते हैं क्योंकि पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करना सहज नहीं लगता। निवेशक को वह बेचना पड़ता है जो अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और वह खरीदना पड़ता है जो गिर रहा है। हालांकि, बाजार एक सीधी रेखा में नहीं चलते और जब शेयरों में गिरावट आती है तो निराशा होती है। इसलिए म्यूचुअल फंड निवेशकों को भी अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने की जरूरत है। 

बाजार में बबल नहीं, घबराएं की जरूरत नहीं!

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय स्टॉक मार्केट में कोई बबल नहीं बना है। कॉरपोरेट आय में अच्छी वृद्धि के कारण स्टॉक मार्केट मूल्यांकन बहुत अधिक नहीं बढ़ा है। प्रमुख इंडेक्स के मूल्य-से-आय (पीई) गुणक अपने लंबी अवधि के औसत पर हैं। बहुत सारी बड़ी कंपनियों से 2024-25 की पहली तिमाही में अच्छे नंबर रिपोर्ट करने की उम्मीद है, जिससे पीई के आंकड़े और नीचे चले जाएंगे। इसलिए निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को 1-2 साल में एक बार अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करना चाहिए। हालांकि, केवल तभी होती है जब किसी परिसंपत्ति वर्ग के आवंटन में 10 प्रतिशत से अधिक का बदलाव हुआ हो। 

 

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