संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (VI) में पिछले हफ्ते बड़ा बदलाव देखने को मिलाहै। समूह के मुखिया कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) एक बार फिर से बोर्ड में शामिल हो गए हैं। लेकिन इस डूबती कंपनी में वे फिर क्यों बोर्ड में शामिल हुए, इसे लेकर बिड़ला ने बड़ा खुलासा किया है। उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा है कि उन्होंने समूह की संकटग्रस्त दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के निदेशक मंडल में फिर से शामिल होने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि उन्हें इस कारोबार में ‘उम्मीद’ नजर आती है।
कर्ज से बोझ से दबी वोडाफोन आइडिया के बोर्ड में गैर-स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किए गए बिड़ला ने एक प्रवर्तक के रूप में कहा, वह कारोबार को आगे ले जाने के लिए ‘इच्छा’ का संकेत देना चाहते थे। बिड़ला ने लोकमत ‘महाराष्ट्रियन ऑफ द ईयर’-2023 पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम कंपनी में फिर से उम्मीद देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक प्रवर्तक के रूप में मैंने सोचा कि यह सही है कि मैं कारोबार को आगे ले जाने की अपनी इच्छा का भी संकेत दूं। यही वजह है कि मैंने निदेशक मंडल में फिर आने का फैसला किया।’’
बिड़ला ने कहा कि सरकार रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दूरसंचार क्षेत्र में तीन कंपनियों के बने रहने बारे में ‘काफी दृढ़’ है और उद्योग को प्रोत्साहन दे रही है। सरकार हाल ही में बकाया राशि को परिवर्तित करके वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि वीआई की प्रतिद्वंद्वी कंपनियां भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ‘अच्छा कर रही हैं।’
इस बीच, बिड़ला ने यह भी कहा कि उनके परिवार का ही एक सदस्य 60 अरब डॉलर के आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन के रूप में उनका स्थान लेगा। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र आर्यमन और पुत्री अनन्या कुछ साल पहले कारोबार में शामिल होने के बाद से ‘अब भी सीख’ रहे हैं।