भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अपनी शिकायत निवारण प्रणाली (स्कोर्स) के जरिये लिस्टेड कंपनियों या बाजार मध्यस्थों के खिलाफ मिली कुल 2,899 शिकायतों का अक्टूबर माह में निपटारा किया। सेबी की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। नियामक ने स्कोर्स मंच को जून, 2011 में शुरू किया था। सेबी के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर माह की शुरुआत में 3,001 शिकायतें लंबित थीं। सेबी के पास ये शिकायतें रिफंड, आवंटन, निकासी और ब्याज से संबंधित थीं। नियामक ने यह भी कहा कि अक्टूबर तक नौ शिकायतें ऐसी थीं, जो तीन महीने से अधिक समय से लंबित थीं। ये शिकायतें निवेश सलाहकार, अनुसंधान विश्लेषक, गैर-डीमैट, रिफंड, लाभांश और अधिकारों आदि से संबंधित थीं। शिकायत के लिए औसत समाधान समय 28 दिन था।
फैसले से संतुष्ट नहीं होने पर समीक्षा का विकल्प
सेबी ने कहा है कि शिकायतकर्ता के शिकायत समाधान से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में एक बार की समीक्षा का विकल्प उपलब्ध है। नियामक ने कहा कि शिकायत के निवारण में आसानी, गति और सटीकता बढ़ाने के लिए कार्रवाई की तारीख से एक वर्ष के भीतर स्कोर्स पर शिकायत दर्ज की जाएगी। हालांकि, यह कुछ शर्तों के अधीन रहेगा और इसमें शिकायतकर्ता के सूचीबद्ध कंपनी या पंजीकृत मध्यस्थ/बाजार अवसंरचना संस्थान (एमआईआई) से संपर्क किया होना जैसी शर्त शामिल है। सेबी के अनुसार, यदि कार्रवाई की तिथि एक वर्ष से अधिक पुरानी है या शिकायतकर्ता ने उक्त तिथि से पहले संबंधित संस्था के साथ शिकायत नहीं की है, तो वह स्कोर्स पर दर्ज शिकायत को अस्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।