
कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सोमवार को बताया कि उसने अपने शिकायत निवारण सुविधा मंच SCORES के जरिये मार्च 2025 में 4,371 शिकायतों का निपटारा किया है। सेबी के आंकड़ों के अनुसार, 28 फरवरी तक लंबित शिकायतों की संख्या 4,376 थी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मार्च के आखिर तक स्कोर्स पर मधुवीर कॉम18 नेटवर्क लिमिटेड और निखिल दयानंद बलजेकर से जुड़ी तीन शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से लंबित थीं। सेबी ने बीते महीने शिकायत निपटान में अच्छा प्रदर्शन किया है।
31 मार्च तक कुल 4,161 शिकायतें अनसुलझी रहीं
खबर के मुताबिक, सेबी को मार्च 2025 में 4,156 नई शिकायतें मिलीं और 31 मार्च तक कुल 4,161 शिकायतें अनसुलझी रहीं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बीते 11 अप्रैल को एक सार्वजनिक नोटिस में यह बात कही थी। नियामक ने यह भी बताया कि मार्च में कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) जमा करने के लिए संस्थाओं द्वारा लिया गया औसत समाधान समय नौ दिन था। बताया गया कि अपग्रेड किए गए स्कोर्स 2.0 ढांचे के तहत, शिकायतें ऑटोमैटिक तरीके से संबंधित संस्था को भेज दी जाती हैं, जिसे निवेशक को एटीआर जमा करने के लिए 21 दिन दिए जाते हैं।
निवेशकों के लिए हैं ये प्रावधान
मौजूदा प्रावधान के मुताबिक, असंतुष्ट होने पर निवेशक 15 दिनों के भीतर प्रथम-स्तरीय समीक्षा का विकल्प चुन सकते हैं। इस अवधि के दौरान, शिकायतें लंबित सूची में बनी रहती हैं, भले ही एटीआर जमा कर दिया गया हो। अगर निवेशक असंतुष्ट रहता है, तो वे मामले को सेबी द्वारा द्वितीय-स्तरीय समीक्षा के लिए आगे बढ़ा सकते हैं, जिसमें समाधान के लिए समान समय-सीमा लागू होगी। साथ ही अगर निवेशक ऑनलाइन विवाद निवारण (ओडीआर) सिस्टम का ऑप्शन चुनता है, तो शिकायतों का निपटारा भी किया जा सकता है।
स्कोर्स को इस वजह से किया गया था डिजाइन
सेबी ने कहा कि 31 मार्च तक स्कोर्स पर दो संस्थाओं से जुड़ी तीन शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से पेंडिंग थीं। जून 2011 में लॉन्च किए गए स्कोर्स को निवेशकों को प्रतिभूति बाजार से संबंधित कंपनियों, बिचौलियों और बाजार अवसंरचना संस्थानों के खिलाफ सेबी के साथ अपनी ऑनलाइन शिकायतें दर्ज करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। बीते साल अप्रैल में, सेबी ने अतिरिक्त सुविधाओं के साथ प्लेटफॉर्म का नया एडिशन, स्कोर्स 2.0 लॉन्च किया।