Friday, November 22, 2024
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बेहतर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी में SEBI, FPI पर है नजर

जून में अपनी बोर्ड बैठक में सेबी बोर्ड ने सार्वजनिक निर्गम में शेयरों की लिस्टिंग की समय अवधि को मौजूदा छह दिनों से घटाकर इश्यू बंद होने की तारीख (टी डे) से तीन दिन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: August 11, 2023 23:00 IST
SEBI eyes- India TV Paisa
Photo:FILE SEBI

FPI SEBI: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बेहतर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कुछ निश्चित श्रेणी के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लिए खुलासा जरूरतों को बढ़ा दिया है। इसके तहत इन एफपीआई को स्वामित्व और आर्थिक हित का ब्योरा देना होगा। इसके अलावा नियामक ने एफपीआई के लिए पात्रता मानदंड से संबंधित कुछ नियमों में बदलाव भी किया है। सेबी की नियमों में संशोधन के बारे में जारी अधिसूचना के अनुसार, बोर्ड द्वारा तय पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को समय-समय पर स्वामित्व रखने वाले, आर्थिक हित या नियंत्रण रखने वाले व्यक्ति से संबंध के बारे सूचना या दस्तावेज देना होगा। यह सूचना या दस्तावेज सेबी द्वारा निर्धारित तरीके से देनी होगी। 

इससे पहले नियामक ने मार्च में एफपीआई में लाभ वाले वाले मालिकों (बीओ) की पहचान के लिए धन शोधन रोधक (पीएमएल) नियम के तहत सीमा में संशोधन किया गया था। इसके बाद कंपनियों और न्यासों के लिए यह सीमा 10 प्रतिशत और भागीदारों और व्यक्तियों के निकाय के लिए 15 प्रतिशत की गई थी। बीओ के पास अंतत: एफपीआई का स्वामित्व या नियंत्रण रहता है और इनकी पहचान पीएमएल नियमों के तहत होती है। सेबी ने इन नियमों को एफपीआई के पात्रता मानदंड के अनुरूप संशोधित किया है। यह बदलाव पीएमएल नियमों के तहत किया गया है।

हाल ही में लिस्टिंग तारीख में हुआ था बदलाव

सार्वजनिक निर्गम के बंद होने के बाद निर्दिष्ट प्रतिभूतियों की लिस्टिंग के लिए लगने वाले समय को 6 कार्य दिवसों (टी 6 डे) की वर्तमान आवश्यकता के मुकाबले घटाकर तीन कार्य दिवस (टी 3 डे) करने का निर्णय लिया गया है। 'टी' निर्गम की समापन तिथि है। नियामक के अनुसार, किसी इश्यू का रजिस्ट्रार आवेदक के बैंक खाते में उपलब्ध पैन के साथ डीमैट खाते में उपलब्ध पैन का मिलान करके आवेदनों का तीसरे पक्ष द्वारा सत्यापन करेगा। बेमेल के मामलों में ऐसे आवेदनों को आवंटन के आधार को अंतिम रूप देने के लिए अमान्य आवेदन माना जाता रहेगा।

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