उच्चतम न्यायालय ने यूनिटेक समूह के सताए ग्राहकों को राहत देते हुए एक अहम निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक प्रबंधन बोर्ड से अटकी परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा को अपनी वेबसाइट पर डालने का निर्देश दिया है। इससे घर खरीदारों को फायदा होगा। इसके अलावा न्यायालय ने बोर्ड से 48 घंटे के भीतर नई संशोधित भुगतान योजना को भी ‘अपलोड’ करने के लिए कहा है। न्यायालय ने फ्लैट खरीदारों से कहा है कि वे प्रबंध बोर्ड को अपनी ओर से कुछ सुझाव दे सकते हैं।
सिर्फ निर्माण के लिए होगा राशि का इस्तेमाल
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि घर खरीदारों या बिना बिके फ्लैटों पर मिलने वाली राशि का इस्तेमाल सिर्फ निर्माण कार्य के लिए किया जाएगा। इस पैसे का इस्तेमाल किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा, ‘‘यूनिटेक समूह द्वारा प्रस्तावित संशोधित भुगतान योजना को 48 घंटे के भीतर वेब पोर्टल पर डाला जाएगा। बोर्ड को परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा को भी वेबसाइट पर डालना होगा।’’
इन घर खरीदारों को तुरंत होगा भुगतान
पीठ ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ए एम सप्रे की अगुवाई वाली समिति की उन घर खरीदारों को रिफंड की योजना को भी मंजूरी दे दी, जिन्हें तत्काल चिकित्सा के लिए धन की जरूरत है। यह राशि 15 सितंबर से 30 सितंबर उनके साथ विचार-विमर्श के बाद दी जाएगी। पीठ ने कहा कि सप्रे समिति अक्टूबर के पहले सप्ताह में न्यायालय में अपनी रिपोर्ट देगी। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है, तो घर खरीदारों को पैसा जारी करने का आदेश दिया जाएगा।
2017 से जेल में बंद हैं चंद्रा बंधु
यूनिटेक के प्रबंधन बोर्ड की तरफ से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि घर खरीदारों के लाभ के लिए सभी चीजों को वेबसाइट पर डाला जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल में न्यायालय में मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में यूनिटेक समूह के पूर्व प्रवर्तक संजय चंद्रा और अजय चंद्रा बंधुओं के खिलाफ नए सिरे से आरोप पत्र दायर किया था। घर खरीदारों का पैसा इधर-उधर करने के आरोप में संजय और अजय चंद्रा अगस्त, 2017 से जेल में हैं।