अडानी समूह पर छाये काले बादलों के बीच बैंकों से मिले कर्ज को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम के निवेश पर उठ रहे सवालों के बीच रिजर्व बैंक ने भी आज सभी बैंकों से अडानी समूह में निवेश को लेकर जानकारी तलब की थी। इसको लेकर देश के दो बड़े बैंकों भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक की ओर से बयान आ गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक ने जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक को बताया है कि अडानी समूह को बैंक की ओर से 23000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अडाणी समूह को दिया गया कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बड़े एक्सपोजर फ्रेमवर्क से काफी कम है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक की ओर से बताया गया है कि अडानी समूह को 7000 करोड़ रुपये का कर्ज प्रदान किया गया है।
रिजर्व बैंक ने मांगी जानकारी
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार अडानी समूह में गिरावट को देखते हुए RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने स्थानीय बैंकों से अडानी समूह की कंपनियों, सरकार और बैंकिंग स्रोतों में उनके जोखिम का विवरण मांगा है। रिजर्व बैंक ने सभी बैकों से पूछा है कि उन्होंने अडानी समूह को किस क्षेत्र में और कितना लोन दिया है और अभी उसके कितने कर्ज की वापसी हो गई है।
जानिए कितना लगा है LIC पैसा
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने बीते हफ्ते सोमवार को कहा कि अडाणी समूह के बॉन्ड और इक्विटी में उसके 36,474.78 करोड़ रुपये लगे हैं और यह राशि बीमा कंपनी के कुल निवेश का एक फीसदी से भी कम है। एलआईसी की प्रबंधन के अधीन कुल परिसंपत्ति सितंबर 2022 तक 41.66 लाख करोड़ रुपये से अधिक थी।
कंपनी को 100 बिलियन डॉलर का घाटा
अडानी की कंपनियों में बीते एक सप्ताह से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इस भयंकर नुकसान के चलते कंपनी का मार्केट कैप भी 100 बिलियन से ज्यादा टूट चुका है। इसी के साथ गौतम अडानी भी रईसों की सूची में नीचे खिसक गए हैं। पिछले एक हफ्ते में जिस तेजी के साथ अडानी की संपत्ति में गिरावट आई है, वह दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति से फिसलकर 15वें पायदान पर आ गए हैं।