क्रेडिट कार्ड कंपनियों से जुड़ी सबसे अधिक शिकायतें उनके बिल को लेकर होती है। कभी बिल में एक्स्ट्रा चार्ज जुड़ा होता है तो कभी ज्यादा ब्याज। एक ऐसा ही मामला दिल्ली से समाने आया है, जहां एक ग्राहक के कार्ड की मियाद पूरी होने के बाद भी एसबीआई कार्ड ने बिल भेज दिया। अब इस मामले में दिल्ली की अदालत ने एसबीआई कार्ड को दोषी माना है और 2 लाख रुपये का हर्जाना ठोका है।
क्या है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली की एक उपभोक्ता अदालत ने क्रेडिट कार्ड की मियाद खत्म होने के बावजूद उपभोक्ता को बिल भेजने पर एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज को दो लाख रुपये का हर्जाना भुगतान करने का निर्देश दिया है। नयी दिल्ली उपभोक्ता विवाद निपटान मंच ने क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी को निर्देश दिया है कि वह पूर्व पत्रकार एम जे एंथनी को सेवा में खामी के लिए भुगतान करे। एंथनी ने एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट के खिलाफ शिकायत की थी।
एंथनी हुए ब्लैक लिस्ट
एंथनी ने कहा था कि क्रेडिट कार्ड की मियाद खत्म हो जाने के बाद भी उन्हें बिल भेजा गया और शुल्क न देने पर उन्हें प्रतिबंधित सूची में डाल दिया गया। उपभोक्ता मंच ने कहा कि सिबिल प्रणाली में शिकायतकर्ता का नाम डाले जाने से दूसरे बैंक ने भी क्रेडिट कार्ड जारी करने का उनका आवेदन खारिज कर दिया।
दो लाख रुपये का हर्जाना
मोनिका ए श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाले उपभोक्ता मंच ने कहा कि शिकायतकर्ता को सेवा देने में नाकाम रहने और क्रेडिट रेटिंग खराब होने से हुए नुकसान की भरपाई पैसे के रूप में नहीं की जा सकती है लेकिन क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई जरूरी थी। इसीलिए एसबीआई कार्ड्स को दो महीने के भीतर दो लाख रुपये का हर्जाना देने को कहा गया है।