दिवाली पर यदि आप घर या कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे थे, तो आपके लिए बुरी खबर है। देश के सबसे बड़े बैंक SBI (State Bank Ok India) सहित कई बैंकों ने होम (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) की ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर दी है। ब्याज दरों में वृद्धि करने वाले बैंकों में SBI के अलावा कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) और फेडरल बैंक (Federal Bank) शामिल हैं। इन तीनों ने सीमांत लागत पर दिए जाने वाले ऋण (MCLR) के तहत अपनी उधारी दरों में वृद्धि की है।
कितनी हुई बढ़ोत्तरी
बैंकों के इस कदम से उपभोक्ताओं के लिए आवास और वाहन ऋण के साथ ही पर्सनल लोन भी मंहगे हो जाएंगे। एसबीआई ने एक वर्ष की अवधि वाली एमसीएलआर को 0.25 प्रतिशत तक बढ़ाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया है। नयी दरें 15 अक्टूबर, 2022 से लागू हैं। बैंक ने दो और तीन वर्ष वाली एमसीएलआर को भी बढ़ाकर क्रमश: 8.15 प्रतिशत और 8.25 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 7.90 प्रतिशत और आठ प्रतिशत थीं।
15 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी SBI की MCLR
- एक दिन- 7.60%
- एक महीना- 7.60%
- 3 महीने- 7.60%
- 6 महीने- 7.90%
- एक साल- 7.95%
- 2 साल- 8.15%
- 3 साल- 8.25%
कोटक और फेडरल बैंक ने कितनी की बढ़ोत्तरी
कोटक महिंद्रा बैंक ने भी विभिन्न अवधि के लिए एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.70 से 8.95 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, एक वर्ष की अवधि वाले ऋण पर बैंक ने ब्याज दर को बढ़ाकर 8.75 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा फेडरल बैंक ने भी ऋण और अग्रिम पर एक वर्ष की अवधि वाली मसीएलआर को 16 अक्टूबर से संशोधित कर 8.70 प्रतिशत कर दिया है।
16 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी फेडरल बैंक की MCLR
- एक दिन- 8.45%
- एक महीना- 8.50%
- 3 महीने- 8.55%
- 6 महीने- 8.65%
- एक साल- 8.70%
रिजर्व बैंक ने की थी लगातार चौथी वृद्धि
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से पिछले महीने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ज्यादातर बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। पिछले महीने 30 सितंबर को ही रिजर्व बैंक ने अपनी प्रत्येक दो महीने में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी। तब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोत्तरी की थी। इसके बाद रेपो रेट 5.90 फीसदी पर पहुंच गई थी। आरबीआइ की ओर से रेपो बढ़ाने के कारण पहले भी कई निजी और सरकारी बैंक ब्याज दरों में इजाफा कर चुके हैं। ब्याज दर बढ़ने के कारण आम आदमी के लोन लेना पहले के मुकाबले महंगा होगा गया है।
क्या होता है MCLR
किसी भी बैंक से लोन लेने पर बैंक आधार दर से कम दर पर लोन नहीं देता है। आधार दर ही न्यूनतम दर होती है जिससे कम पर बैंक लोन नहीं उपलब्ध करवा सकता। 2016 से पहले बैंक आधार दर को ही इस्तेमाल में लाते थे। लेकिन साल 2016 के बाद से एमसीएलआर (MCLR) ही आधार दर के रूप में इस्तेमाल की जाती है।