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SBI लाने जा रही है 7,000 करोड़ का बॉन्ड, जानिए क्या है योजना

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 7,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है, जिसमें बेसल-3 एडिशनल टियर-आई बांड के माध्यम से ग्रीनशू में 5,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।

Edited By: India TV Business Desk
Published on: September 05, 2022 18:51 IST
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Photo:PTI SBI लाने जा रही है 7,000 करोड़ का बॉन्ड, जानिए क्या है

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 7,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है, जिसमें बेसल-3 एडिशनल टियर-आई बांड के माध्यम से ग्रीनशू में 5,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। बाजार सहभागियों ने यह जानकारी दी है। बॉन्ड के लिए बोली बुधवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच होगी।

गैर परिवर्तनीय कर योग्य स्थायी अधीनस्थ असुरक्षित बेसल 3 कमप्लेंट एडिशनल टियर 1 बांड अंकित मूल्य के डिबेंचर की प्रकृति में प्रत्येक 1 करोड़ रुपये होगा। एटी1 बांड एक प्रकार के स्थायी बांड हैं जिनकी कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है जो दीर्घकालिक पूंजी जुटाने के लिए जारी की जाती है।

SBI ने बढ़ाया डिपॉजिट रेट (SBI Latest Interest Rate)

केयरएज द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने 180 दिनों से 210 दिनों के बीच की डिपॉजिट पर अपनी जमा दर को 4.40 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.55 प्रतिशत कर दिया है।

अन्य सभी अवधियों के लिए भी एसबीआई (SBI) ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाया है। एफडी ब्याज दरों में भी 15 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की गई है। एक वर्ष तक की अवधि के लिए थोक जमा दरों में 25-50 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि की गई है। वहीं एक साल से अधिक समय वाले दरों में 75-125 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा हुआ है।

क्यों बैंक जमा दरों पर ब्याज बढ़ा रहे?

जमा दरों में वृद्धि से बैंकों को त्योहारी सीजन के दौरान ऋण की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। केयर एज के वरिष्ठ निदेशक संजय अग्रवाल ने कहा है कि आगे की बात करें तो बैंकों की ओर से इस बढ़ते क्रेडिट ऑफ-टेक (ऋण उठाव) का समर्थन करने के लिए जमा दरों को बढ़ाने की उम्मीद है। बैंकिंग प्रणाली में लिक्विडिटी कम हो रही है। चुनिंदा रूप से बैंक पहले से ही कुछ अवधि और श्रेणियों में दरें बढ़ा रहे हैं।

बैंकों की ऋण वृद्धि दो अंकों में बनी हुई है, जो आसानी से जमा वृद्धि से आगे निकल गई है। जबकि, ऋण वृद्धि कम आधार प्रभाव, छोटे आकार के ऋणों, अधिक महंगाई के कारण बैंक में लिक्विडिटी को लेकर स्थिति दयनीय हो गई है। 

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