देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों के लिए 'Mobile Handheld Device’ लॉन्च किया है। मोबाइल हैंडहेल्ड डिवाइस के जरिये कियोस्क बैंकिंग को सीधे ग्राहक के दरवाजे पर लाकर बैंकिंग सुविधा पहुंचाई जाएगी। यह ग्राहक सेवा बिंदु (सीएसपी) एजेंटों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करेगा। इस डिवाइस से एजेंट आसानी से ग्राहकों तक पहुंचने में सक्षम होंगे। इस पहल से विशेष रूप से उन ग्राहकों को लाभ होगा जो स्वास्थ्य समस्याओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के कारण सीएसपी आउटलेट तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करते हैं। हालांकि, इस सर्विस का लाभ आम एसबीआई ग्राहक भी उठा पाएंगे। इसके तहत ग्राहक घर बैठे पैसा निकालने से लेकर जमा कर पाएंगे। SBI के मोबाइल हैंडहेल्ड डिवाइस से 5 सर्विस शुरू की गई है। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य वित्तीय समावेश को सशक्त करना और आम लोगों तक जरूरी बैंक सेवाएं पहुंचाना है। यह पहल बैंक सेवाओं का लाभ उठाने में पहुंच और सुविधा बढ़ाने का हिस्सा है। यह कदम ‘कियोस्क बैंकिंग’ को सीधे ग्राहकों के दरवाजे तक लाता है।
मोबाइल हैंडहेल्ड डिवाइस से ये सर्विस शुरू की गई
खारा ने कहा कि नई पहल के तहत शुरुआत में पांच प्रमुख बैंकिंग सेवाएं- धन निकासी, जमा, धन हस्तांतरण, बैंक खाते में रुपये पता करना और लेन-देन का लेखा जोखा (मिनी स्टेटमेंट) उपलब्ध कराई जाएंगी। ये सेवाएं बैंक के सीएसपी पर होने वाले कुल लेन-देनों का 75 प्रतिशत से ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि बैंक बाद में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत नामांकन, खाता खोलना और कार्ड-आधारित सेवाएं भी शुरू करने की योजनाएं बना रहा है।
कौन से ग्राहक उठा पाएंगे सेवाओं का लाभ
बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, आम ग्रहक समेत यह सेवा उन ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगी जो किसी बीमारी से ग्रसित हैं। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों को भी इस सर्विस का लाभ मिलेगा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि उसने ग्राहकों को घर तक बैंक की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाया है। इसके तहत, बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए हल्के उपकरण पेश किए हैं, जिनसे विभिन्न बैंक सेवाएं ली जा सकेंगी। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि यह ग्राहक सेवा केंद्र (सीएसपी) एजेंटों को अधिक लचीलापन प्रदान करता है, जिससे उन्हें ग्राहकों, खासकर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने वाले, वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।