देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का शुद्ध लाभ बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 83 प्रतिशत उछलकर 16,694.51 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मुख्य रूप से ब्याज आय बढ़ने तथा फंसे कर्ज के एवज में कम प्रावधान से लाभ बढ़ा है। एसबीआई ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी। इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में एसबीआई का शुद्ध लाभ एकल आधार पर 9,113.53 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही में ब्याज आय 31 प्रतिशत बढ़कर 92,951 करोड़ रुपये रही। फंसे कर्ज (एनपीए) के एवज में प्रावधान मार्च, 2023 को समाप्त तिमाही में कम होकर 3,315.71 करोड़ रुपये रहा जो 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में 7,237.45 करोड़ रुपये था।
सालाना लाभ 59 प्रतिशत बढ़ा
पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में एसबीआई का शुद्ध लाभ 59 प्रतिशत बढ़कर 50,232.45 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2021-22 में लाभ 31,675.98 करोड़ रुपये था। एसबीआई ने 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष के लिये 11.30 रुपये (1130 प्रतिशत) का लाभांश देने की सिफारिश की है। लाभांश भुगतान की तिथि 14 जून तय की गयी है।
आरईसी का लाभ 33 प्रतिशत बढ़कर 3,065 करोड़ हुआ
सार्वजनिक क्षेत्र की आरईसी लिमिटेड का शुद्ध लाभ बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 33 प्रतिशत बढ़कर 3,065.37 करोड़ रुपये रहा। आरईसी ने बुधवार को शेयर बाजार को बताया, कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 2,301.33 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। कंपनी की कुल आय मार्च, 2022 के 9,655.99 रुपये से बढ़कर मार्च, 2023 में 10,254.63 करोड़ रुपये हो गई। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का शुद्ध लाभ 11,166.98 करोड़ रुपये रहा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में शुद्ध लाभ 10,035.70 करोड़ रुपये था। कंपनी की आय वित्त वर्ष 2021-22 के 39,339.20 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 39,520.16 करोड़ रुपये हो गई।