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SBI का भारत की नंबर वन कंपनी बनने का लक्ष्य, चेयरमैन ने पेश किया पूरा खाका

शेट्टी ने कहा, हम निजी पूंजीगत व्यय में अच्छी मांग देख रहे हैं। बुनियादी ढांचे के लिए वित्तपोषण मुख्य रूप से सड़कों, नवीकरणीय ऊर्जा और कुछ रिफाइनरियों से आ रहा है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: September 25, 2024 17:16 IST
SBI- India TV Paisa
Photo:FILE एसबीआई

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अगले 3 से 5 साल में 1 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाने वाला लक्ष्य तय किया है। साथ ही यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी बनने का लक्ष्य है। एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने यह बात कही है। एसबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 में 21.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 61,077 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। शेट्टी ने कहा, हमारे पास क्षमता है। निश्चित रूप से हम यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी बनना चाहेंगे। उन्होंने कहा, हालांकि मुनाफा, बाजार पूंजीकरण आदि हमारे संगठन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व हैं, हम ग्राहकों पर भी समान जोर देते हैं और यह हमारे परिचालन का एक बुनियादी पहलू है। कॉरपोरेट ऋण मांग के संबंध में शेट्टी ने कहा कि बैंक को पहले ही भारतीय उद्योग जगत से चार लाख करोड़ रुपये की मजबूत मांग मिल चुकी है और वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में निजी क्षेत्र द्वारा पूंजीगत व्यय में तेजी आने की उम्मीद है। 

प्राइवेट सेक्टर की ओर से बढ़ा निवेश

शेट्टी ने कहा, हम निजी पूंजीगत व्यय में अच्छी मांग देख रहे हैं। बुनियादी ढांचे के लिए वित्तपोषण मुख्य रूप से सड़कों, नवीकरणीय ऊर्जा और कुछ रिफाइनरियों से आ रहा है। सार्वजनिक व्यय की बात करें तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर रिकॉर्ड 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है। शेट्टी ने कहा कि कुछ कंपनियों ने पुरानी परियोजनाओं (ब्राउनफील्ड) का विस्तार शुरू किया है, जिसके लिए पूंजीगत व्यय का वित्तपोषण उनके अपने नकदी स्रोतों से किया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा, अब हम देखते हैं कि कुछ कंपनियां पुरानी परियोजनाओं के विस्तार के लिए भी कर्ज ले रही हैं।

चार लाख करोड़ के लोन की मांग

उन्होंने कहा, हमारे पास मांग (पाइपलाइन) है, स्वीकृत लेकिन वितरित नहीं किए गए कर्ज के संदर्भ में तथा प्रस्तावों की मांग है जो प्रक्रियाधीन हैं। यह करीब चार लाख करोड़ रुपये के बराबर है, जो दर्शाता है कि उद्योग जगत की मांग मजबूत है। शेट्टी ने इस बात पर जोर दिया कि इस वर्ष निजी पूंजीगत व्यय निश्चित रूप से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि आम चुनाव के कारण पहली तिमाही में आई सुस्ती के बाद सरकारी खर्च में फिर से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, हम देखते हैं कि दूसरी तिमाही के साथ-साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भी पूंजीगत व्यय को सरकारी व्यय के साथ-साथ निजी व्यय से बढ़ावा मिलेगा।

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