पिछले कई महीने से ठंडा पड़ा कच्चा तेल एक बार फिर उफान भरने लगा है। 70 डॉलर से नीचे चल रहा कच्चा तेल अब अचानक 85 डॉलर के पार निकल गया है। इस बीच साउदी अरब के एक फैसले से दुनिया भर में एक बार फिर से खलबली मच गई है। सऊदी अरब ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह कच्चे तेल के उत्पादन में रोजाना 10 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती सितंबर तक जारी रखेगा। कच्चे तेल की सुस्त पड़ती कीमतों में तेजी लाने के लिए सऊदी अरब ने जुलाई में तेल उत्पादन में 10 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की घोषणा की थी। लेकिन अब उसने सितंबर के अंत तक यह सिलसिला जारी रखने का फैसला किया है।
बता दें कि साउदी अरब के इस फैसले के बाद ओपेक प्लस देशों ने भी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती को लेकर सहमति जताई थी। आनाकानी के बाद ओपेक प्लस देशों में शामिल रूस भी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने पर राजी हो गया था। लेकिन अब जहां साउदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि जारी रखने के लिए उत्पादन में कटौती आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। वहीं अब दुनिया भर में महंगाई को लेकर अनुमान गड़बड़ाने का डर सताने लगा है।
सरकारी संवाद समिति सऊदी प्रेस एजेंसी ने ऊर्जा मंत्रालय के एक अधिकारी का हवाला देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर तेल उत्पादन में इस कटौती की मात्रा बढ़ाने के साथ समयसीमा को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। सऊदी अरब के इस अधिकारी ने कहा, "हमने यह अतिरिक्त स्वैच्छिक कटौती तेल निर्यातक देशों के संगठ (ओपेक) एवं सहयोगी देशों के एहतियाती कदमों को मजबूती देने के लिए उठाया है। तेल बाजार को स्थिर एवं संतुलित रखने के लिए उत्पादन में कटौती की जा रही है।"
पेट्रोलियम उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और सहयोग देशों (ओपके प्लस) ने कच्चे तेल की नरम पड़ती कीमतों को तेज करने के लिए उत्पादन कम करने का फैसला किया है। इन देशों ने अपने उत्पादन में कटौती अगले साल तक जारी रखने पर सहमति जताई है।